दुनिया में आर्थिक असमानता काफी उच्च स्तर पर: रिपोर्ट
रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1980 के बाद से असमानता तेजी से बढ़ी है
नई दिल्ली (जेएनएन)। पिछले कुछ वर्षो से ग्लोबल स्तर पर आर्थिक असमानता उच्च स्तर पर बनी हुई है। चीन और भारत में यह असमानता और बढ़ी है जबकि पश्चिमी यूरोप में गरीब व अमीरों की आय व संपत्ति में असमानता स्थिर रही। यह जानकारी एक रिपोर्ट के हवाले से दी गई है। गुरुवार को भारत में आर्थिक असमानता पर रिपोर्ट जारी की गई थी।
वर्ल्ड इनइक्वैलिटी रिपोर्ट 2018 तैयार करने के लिए व्यापक आंकड़े जुटाये गये थे। इन आंकड़ों का विश्लेषण प्रसिद्ध अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी और इमैनुअल सैज समेत विश्लेषकों की अंतरराष्ट्रीय टीम ने किया। रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 1980 के बाद से असमानता तेजी से बढ़ी है। हालांकि 2008 के वित्तीय संकट के बाद कुल ग्लोबल संपत्ति के अनुपात में एक फीसद शीर्ष अमीरों की संपदा कम हो गई। उनकी हिस्सेदारी कम होकर 20 फीसद रह गई। इस अवधि में दुनिया के 50 फीसद सबसे गरीब लोगों की आय के अनुपात में थोड़ा सुधार हुआ।
हालांकि दुनिया की कुल संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी दस फीसद के भीतर ही रही। इसमें जो सुधार दिखाई दिया उसकी मुख्य वजह चीन और भारत में तेज आर्थिक विकास रहा। इसके कारण आम लोगों को कुछ फायदा मिला। रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका और पश्चिमी यूरोप में आर्थिक असमानता का स्तर 1980 के बराबर ही रहा। वहां एक फीसद सबसे अमीर लोगों के पास दस फीसद संपत्ति थी। हालांकि अमेरिका में 50 फीसद सबसे गरीब लोगों की संपत्ति 1980 के मुकाबले 2016 में घटकर 13 फीसद रह गई। 1980 में उनकी हिस्सेदारी 20 फीसद से ज्यादा थी।
रिपोर्ट के लेखकों के अनुसार उन्होंने जिन आंकड़ों का विश्लेषण किया है, वे पिछले 15 वर्षो के दौरान सरकारी स्रोतों से जुटाये गये थे। रिपोर्ट का उद्देश्य सरकारों को वित्तीय आंकड़े पारदर्शी तरीके से जुटाने के लिए प्रेरित करना था। जिससे असमानता पर बहस और आय व संपत्ति को प्रभावित करने वाली नीतियां सही तथ्यों पर आधारित हों।