आइडिया-वोडा की याचिका पर विचार कर रहा है DoT, टैक्स कैलकुलेशन की दोबारा गणना की है मांग
दूरसंचार मंत्रालय ने हाल ही में वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के लंबे समय से लंबित विलय सौदे को सशर्त मंजूरी दे दी थी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आइडिया और वोडाफोन की तरफ से टैक्स कैलकुलेशन पर उठाए गए सवाल पर दूरसंचार विभाग (DoT) विचार कर रहा है। यह जानकारी दूरसंचार सचिव अरुणा सुंदरराजन ने दी है।
सुंदरराजन ने सीयूटीएस इंटरनेशनल की ओर से आयोजित ब्रॉडबैंड कार्यक्रम के दौरान बताया, “उन्होंने (कंपनियों) ने हमारे पास आकर हमसे कहा है कि बकाए की गणना में कुछ अंतर है। इसलिए डॉट इस मामले की जांच कर रहा है और हमने इस पर कोई विचार नहीं बनाया है।” विभाग की गणना बैंक गारंटी और आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया से मांगी गई नकदी भुगतान से संबंधित है। दोनों कंपनियों ने इसकी फिर से गणना के लिए अनुरोध किया है।
इस महीने की शुरुआत में, दूरसंचार मंत्रालय ने वोडाफोन इंडिया और आइडिया सेल्युलर के लंबे समय से लंबित विलय सौदे को सशर्त मंजूरी दे दी थी, जिससे एक ऐसी कंपनी का गठन होगा जो कि देश की सबसे बड़ी टेलीकॉम ऑपरेटर होगी।
डिपार्टमेंट ने वोडाफोन के वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज के लिए 3,926 करोड़ रुपये का नकद भुगतान करने को कहा है। इस राशि का भुगतान या तो वोडाफोन या फिर आइडिया को करना होगा। डॉट ने इसके अलावा आइडिया सेल्युलर से कहा है कि वो 3,342 करोड़ रुपये की संयुक्त बैंक गारंटी का भुगतान भी करे।
वोडाफोन और आइडिया के मर्जर से बनने वाली कंपनी की कुल वैल्यू 23 बिलियन अमेरिकी डॉलर करीब 1.5 लाख करोड़ रुपये होगी, जिसकी बाजार हिस्सेदारी 35 फीसद और सब्सक्राइबर बेस करीब 43 करोड़ का होगा।