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नोटबंदी के बाद संदिग्ध कंपनियों के खातों में जमा हुए 17 हजार करोड़ रुपए, सरकार ने किया दावा

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों से वित्तीय विवरण न भरने वाले 3.09 लाख कंपनी बोर्ड डायरेक्टर्स को अयोग्य घोषित कर दिया है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 05 Nov 2017 05:50 PM (IST)Updated: Sun, 05 Nov 2017 06:02 PM (IST)
नोटबंदी के बाद संदिग्ध कंपनियों के खातों में जमा हुए 17 हजार करोड़ रुपए, सरकार ने किया दावा

नई दिल्ली (जेएनएन)। नोटबंदी के बाद करीब 35,000 संदिग्ध कंपनियों के खातों में 17,000 करोड़ रुपए की नकदी जमा की थी जिसे बाद में निकाल लिया गया। अब इन सभी कंपनियों का पंजीकरण रद्द किया जा चुका है। यह जानकारी कंपनी मामलों के मंत्रालय के जरिए सामने आई है।

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अवैध पूंजी प्रवाह के खिलाफ लड़ाई के क्रम में दो साल या उससे अधिक समय से निष्क्रिय रहने वाली 2.24 लाख कंपनियों को बंद कर दिया गया है। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों से वित्तीय विवरण न भरने वाले 3.09 लाख कंपनी बोर्ड डायरेक्टर्स को अयोग्य घोषित कर दिया है।

वहीं कार्पोरेट कंपनियों के बोर्ड में नियुक्त किए जाने वाले डमी डॉयरेक्टर्स पर अंकुश लगाने के लिए भी एक प्रणाली (मैकेनिज्म) विकसित की जा रही है जिसमें जहां निदेशक के आवेदन को पैन और आधार से लिंक करा दिया जाएगा

कार्पोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी की गई रिलीज में कहा गया कि दो साल या उससे अधिक समय से निष्क्रिय रहने वाली 2.24 लाख कंपनियों को बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं इन कंपनियों के बैंक खातों के संचालन के साथ साथ संपत्तियों की बिक्री और हस्तांतरण पर भी रोक लगा दी गई है।

रिलीज में कहा गया, “इन कंपनियों पर की गई प्राथमिक कार्यवाही 56 बैंकों की ओर से मिली जानकारी के आधार पर की गई है, जिसमें कहा गया है कि 35,000 कंपनियों के करीब 58,000 बैंक खाते इसमें शामिल हैं। ये खाते बताते हैं कि नोटबंदी के बाद 17,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की नकदी इनमें जमा की गई थी।”


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