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डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 64.90 पर खुला, जानें गिरावट के कारण और नुकसान

केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि मार्च के आखिर तक रुपया 65.20 के स्तर तक जा सकता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Tue, 20 Feb 2018 04:16 PM (IST)Updated: Wed, 21 Feb 2018 10:27 AM (IST)
डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 64.90 पर खुला, जानें गिरावट के कारण और नुकसान
डॉलर के मुकाबले रुपया गिरकर 64.90 पर खुला, जानें गिरावट के कारण और नुकसान

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया गिरकर 64.90 पैसे के स्तर पर पहुंच गया। यह रुपए का तीन महीने का सबसे निचला स्तर है। मंगलवार को दिन के कारोबार में अमेरिका डॉलर के मुकाबले रुपया 31 पैसों की गिरावट के साथ 64.52 के स्तर पर कारोबार कर रहा था। वहीं दिन के तीन बजे भारतीय रुपया 64.79 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर कारोबार करता देखा गया। केडिया कमोडिटी के प्रमुख अजय केडिया ने बताया कि मार्च के आखिर तक रुपया 65.20 के स्तर तक जा सकता है। गौरतलब है कि दिसंबर 2017 में रुपया डॉलर के मुकाबले 63.84 के स्तर पर कारोबार कर रहा था।

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रुपए के कमजोर से आम आदमी को होते हैं ये 4 नुकसान

महंगा होगा विदेश घूमना: रुपए के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपए खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।

विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी: अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपए भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।

क्रूड ऑयल होगा महंगा तो बढ़ेगी महंगाई: डॉलर के मजबूत होने से क्रूड ऑयल भी महंगा हो जाएगा। यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी।

डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट महंगे हो जाएंगे: वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी महंगा हो जाएगा। यानी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी यह राहत भरी खबर नहीं है।

रुपए की कमजोरी से फायदा: हालांकि अगर सकारात्मक पहलू को देखा जाए तो रुपए की कमजोरी से एक्पोर्ट को बूस्ट मिलता है। यह इसका एक सकारात्मक पक्ष भी है।


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