Future Retail-RIL डील पर रेगुलेटर्स कानून के अनुसार लें फैसला: दिल्ली हाई कोर्ट
दिल्ली उच्च न्यायालय ने किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की याचिका को खारिज कर दिया है। फ्यूचर रिटेल ने अमेजन को फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे के खिलाफ सेबी सीसीआई और अन्य रेगुलेटरों को चिट्ठी लिखने से रोकने की याचिका लगाई थी।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को फ्यूचर ग्रुप और अमेजन विवाद मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए रेगुलेटर्स को निर्देश दिया है कि वे फ्यूचर ग्रुप के आवेदन और आपत्तियों पर कानून के अनुसार फैसला करें। इस तरह दिल्ली हाईकोर्ट ने रेगुलेटर्स को इस विवाद पर निर्णय करने का आदेश दे कर संकेत दिया है कि मामले को भारतीय कानून व्यवस्था के तहत ही सुलझाया जाएगा।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में माना कि रिलायंस को सौदे की मंजूरी देने वाला FRL बोर्ड रिज़ॉल्यूशन मान्य है और पहली नजर में वैधानिक प्रावधानों के अनुसार लगता है। अपने 132 पेज के आदेश में हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि अमेजन ने फेमा और एफडीआई के नियमों का उल्लधंन किया है।
कोर्ट ने कहा कि अमेजन ने विभिन्न समझौते करके FRL पर नियंत्रण करने की कोशिश की, जिसे सही नही ठहराया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि अगर फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज को अमेजन की हरकतों के कारण नुकसान उठाना पड़ा है, तो उस पर सिविल कार्यवाही हो सकती है।
हालांकि, दिल्ली उच्च न्यायालय किशोर बियानी की अगुवाई वाली फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) की अमेजन (Amazon) के खिलाफ निषेधाज्ञा आदेश की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। फ्यूचर रिटेल ने अमेजन को फ्यूचर रिटेल और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए सौदे के खिलाफ सेबी, सीसीआई और अन्य रेगुलेटरों को चिट्ठी लिखने से रोकने की याचिका लगाई थी।
बता दें कि यह विवाद फ्यूचर रिटेल के अपने सारे रिटेल होलसेल और वेयर हाउसिंग कारोबार को मुकेश अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज को 24713 करोड़ रुपये में बेचने से जुड़ा हुआ है। उधर अमेजन की फ्यूचर रिटेल में 5 फीसद की इनडायरेक्ट हिस्सेदारी है। अमेजन ने फ्यूचर ग्रुप के रिलांयस के साथ इस सौदे को सिंगापुर कोर्ट में चुनौती दी थी। मामले की सुनवाई करते हुए 25 अक्टूबर को सिंगागुर कोर्ट ने फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के इस सौदे पर रोक लगा दी थी।
दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन का कहना था कि आर्बिट्रेशन के नियमों में बदलाव संभव है, लेकिन सुनवाई पूरी होने से पहले कंपनी को अपना पक्ष रखने का पूरा मौका मिलना चाहिए। अब दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा फ्यूचर रिटेल की याचिका खारिज करने से अमेजन खुलकर इस सौदे के खिलाफ सेबी, सीसीआई जैसे रेगुलेटरों को लिख सकती है।
अमेजन ने बाजार नियामक सेबी और स्टॉक एक्सचेंजों को सिगांपुर की मध्यस्थता अदालत के फ्यूचर रिटेल व रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच हुए 24713 करोड़ रुपये के सौदे पर रोक के अंतरिम फैसले पर विचार करने का निवेदन करते हुए चिट्ठी लिखी है। वहीं, पिछले हफ्ते भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने सौदे को मंजूरी दे दी है।