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बजट बाद होगा आरबीआई के रिज़र्व फंड के इस्तेमाल पर फैसला

केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के बीच पिछले कुछ महीनों से जो तनाव बना हुआ है उसकी एक बड़ी वजह केंद्रीय बैंक का capital reserve है।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Tue, 25 Jun 2019 08:45 AM (IST)Updated: Tue, 25 Jun 2019 08:48 AM (IST)
बजट बाद होगा आरबीआई के रिज़र्व फंड के इस्तेमाल पर फैसला
बजट बाद होगा आरबीआई के रिज़र्व फंड के इस्तेमाल पर फैसला

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्र सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के बीच पिछले कुछ महीनों से जो तनाव बना हुआ है, उसकी एक बड़ी वजह केंद्रीय बैंक का रिजर्व फंड है। फंड के इस्तेमाल पर आरबीआइ के पूर्व गवर्नर डॉ. बिमल जालान की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट अब बजट के बाद ही आने की उम्मीद है। समिति की सोमवार को बैठक थी जिसके बारे में माना जा रहा था कि यह अंतिम बैठक होगी और इसके बाद रिपोर्ट भी दे दी जाएगी।

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जानकारों के मुताबिक समिति अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे चुकी है। लेकिन इसे पांच जुलाई को पेश होने वाले आम बजट के बाद ही सरकार को सौंपने का विचार है। इस रिपोर्ट के आधार पर तय होगा कि आरबीआइ के रिजर्व फंड का इस्तेमाल सरकार कर सकती है या नहीं और अगर कर सकती है तो कितना हिस्सा सरकार के खजाने में हस्तांतरित किया जाना चाहिए। वैसे केंद्र सरकार के खजाने की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इस फंड की ज्यादा जरूरत दिख रखी है।

जालान समिति द्वारा रिपोर्ट सोमवार को ही पेश किये जाने की उम्मीद थी। यह दूसरा मौका है जब इस समिति ने रिपोर्ट पेश करने की तिथि को बढ़ा दिया है। बीच में कुछ यह खबर भी सामने आई थी समिति की कुछ सिफारिशों को लेकर वित्त मंत्रलय को आपत्ति है। सोमवार की बैठक में वित्त मंत्रालय आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव सुभाष गर्ग ने हिस्सा भी नहीं लिया। आरबीआई के पास अभी तकरीबन 9.50 लाख करोड़ रुपये का रिजर्व फंड है। सरकार की मंशा है कि इसमें से 1.50 से दो लाख करोड़ रुपये की राशि उसे हस्तांतरित कर दी जाए।

इस राशि से सरकार को समाजिक विकास कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए अतिरिक्त फंड मिल जाएगा। वैसे पूर्व में भी आरबीआई के रिजर्व फंड के इस्तेमाल को लेकर समितियां गठित हुई थीं। लेकिन अभी तक सरकार ने आरबीआइ के रिजर्व फंड का इस्तेमाल नहीं किया है। आरबीआई इस तरह का फंड आपातकालीन हालात के लिए बनाकर रखता है। खास तौर पर अभी जिस तरह से खाड़ी के क्षेत्र में तनाव की स्थिति बन रही है उसे देखते हुए कई जानकार मानते हैं कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था में केंद्रीय बैंक के पास एक मजबूत रिजर्व फंड होना चाहिए।

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