दिवाली से पहले छोटे कारोबारियों को दूसरा तोहफा, कंपोजीशन स्कीम में रजिस्ट्रेशन कराने की सीमा 31 मार्च हुई
जीएसटी काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण कराने की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 कर दी है
नई दिल्ली (हरिकिशन शर्मा)। छोटे और मझोले कारोबारियों को दिवाली से पहले एक और तोहफा देते हुए जीएसटी काउंसिल ने कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण कराने की सीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2018 कर दी है। ऐसा होने पर सालाना एक करोड़ रुपये तक टर्नओवर वाले कारोबारी इस योजना का चुनाव कर सकेंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की शुक्रवार को हुई 22 में बैठक में यह अहम फैसला किया गया। कंपोजीशन स्कीम की अंतिम तिथि इस साल 30 सितंबर को समाप्त हो गई थी। इस स्कीम में अब तक 15.47 लाख व्यापारी पंजीकरण करा चुके हैं। इसमें सबसे अधिक व्यापारी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और गुजरात के हैं। इससे पहले जीएसटी काउंसिल ने हैदराबाद में हुई बैठक में कंपोजीशन स्कीम 16 सितंबर से 30 सितंबर तक खोलने का फैसला किया था। इस दौरान पांच लाख से अधिक व्यापारियों ने इसके तहत पंजीकरण कराया था। राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने दैनिक जागरण से कहा कि व्यापारी अगले साल 31 मार्च तक कंपोजीशन स्कीम में पंजीकरण करा सकते हैं।
कंपोजीशन स्कीम की सुविधा सिर्फ व्यापारियों, मैन्यूफैक्चरिंग यूनिटों और रेस्तरां सेवा प्रदाताओं को ही प्राप्त है। इसके तहत पंजीकृत व्यापारियों को अपने टर्नओवर का मात्र एक प्रतिशत और मैन्यूफैक्चरर को दो प्रतिशत जीएसटी का भुगतान करना होता है। वही रेस्तरां सेवा प्रदान करने वाले व्यवसायियों को इस स्कीम के तहत पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी अदा करना होता है। कंपोजीशन स्कीम में पंजीकृत व्यापारियों को सबसे बड़ी सुविधा यह है कि उन्हें हर माह जीएसटी का रिटर्न दाखिल नहीं करना पड़ता। वे तीन माह में सिर्फ एक बार जीएसटी रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। हालांकि कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकृत व्यापारी अंतरराज्यीय बिक्री नहीं कर सकते। वैसे तंबाकू उत्पाद बनाने वाली यूनिटों को कंपोजीशन स्कीम की सुविधा नहीं मिल सकती है।
छोटे और मझोले कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न दाखिल करने में आ रही दिक्कत को दूर करने के लिए काउंसिल ने 22वीं बैठक में कंपोजीशन स्कीम के लिए सालाना कारोबार की सीमा 75 लाख रुपये से बढ़ाकर एक करोड़ रुपये करने का निर्णय किया है। काउंसिल ने स्कीम की समीक्षा करके इसे और आकर्षक बनाने के लिए एक मंत्रिसमूह (जीओएम) का गठन करने का फैसला भी किया। यह मंत्रिसमूह असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा की अध्यक्षता में गठित कर दिया गया है। जीओएम इस संबंध में विचार करेगा कि जो मैन्यूफैक्चरर कंपोजीशन स्कीम में दो प्रतिशत जीएसटी का भुगतान कर रहे हैं, उन्हें उसका इनपुट क्रेडिट मिलना चाहिए या नहीं। साथ ही मंत्रिसमूह इस पर भी विचार करेगा कि कंपोजीशन स्कीम के तहत पंजीकृत व्यापारियों को अपने राज्य से बाहर बिक्री की इजाजत दी जाए या नहीं। जीओएम दो हफ्ते के भीतर इस संबंध में अपनी रिपोर्ट देगा।