नए प्रोत्साहन पैकेज के ऐलान के बावजूद सरकार की उधारी योजना में नहीं होगा कोई बदलावः वित्त मामलों के सचिव
केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के लिए घोषित नए उपायों के बावजूद सरकार चालू वित्त वर्ष (2020-21) के अपने उधारी कार्यक्रम (Borrowing Programme) में कोई बदलाव नहीं करेगी।
नई दिल्ली, पीटीआइ। सरकार ने सोमवार को कहा कि त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता मांग को बढ़ावा देने के लिए घोषित नए उपायों के बावजूद सरकार चालू वित्त वर्ष के अपने उधारी कार्यक्रम में कोई बदलाव नहीं करेगी। सरकार ने कोविड-19 महामारी की वजह से खर्च में हुई वृद्धि को पूरा करने के लिए मई, 2020 में बाजार से उधारी उठाने की सीमा में 50 फीसद तक की वृद्धि करते हुए उसे 12 लाख करोड़ रुपये कर दिया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मांग को बढ़ावा देने और पूंजीगत व्यय को गति देने के लिए कई तरह के उपायों की सोमवार को घोषणा की।
सीतारमण ने कहा कि सोमवार को घोषित उपायों से 36,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त उपभोक्ता मांग को पैदा करने में मदद मिलेगी। इनमें LTC वाउचर स्कीम के जरिए 28,000 करोड़ रुपये और फेस्टिवल एडवांस स्कीम के जरिए 8,000 करोड़ रुपये की मांग शामिल है।
उन्होंने कहा कि इससे केंद्र और राज्य के पूंजीगत व्यय पर 37,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त असर पड़ेगा।
प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा के बाद मीडिया से बातचीत में आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से घोषित अतिरिक्त उपायों के बावजूद चालू वित्त वर्ष के उधारी लक्ष्य में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ''हमने प्रोत्साहन पैकेज को अनुमानों में शामिल किया है। इस समय चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमान अब भी 12 लाख करोड़ रुपये का ही है।''
कोविड-19 महामारी के बाद सरकार की ओर से घोषित यह तीसरा प्रोत्साहन पैकेज है। सरकार ने कोविड-19 महामारी से प्रभावित देश के गरीब और वंचित तबके के हितों को ध्यान में रखते हुए 1.70 लाख करोड़ रुपये के प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (PMGKP) की घोषणा इस साल मार्च में की थी। इसके बाद मई में आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की घोषणा सरकार की ओर से की गई थी। इसमें मुख्य रूप से आपूर्ति और लंबी अवधि के सुधारों पर ध्यान दिया गया था।