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चालू वित्त वर्ष में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसद से नीचे फिसल सकती है: डीबीएस

वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस के अनुसार देश की जीडीपी इस वित्त वर्ष के दौरान 7 फीसद से नीचे जा सकती है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 15 Sep 2017 06:48 PM (IST)Updated: Fri, 15 Sep 2017 06:48 PM (IST)
चालू वित्त वर्ष में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसद से नीचे फिसल सकती है: डीबीएस
चालू वित्त वर्ष में इंडिया की जीडीपी ग्रोथ 7 फीसद से नीचे फिसल सकती है: डीबीएस

नई दिल्ली (जेएनएन)। इंडिया की जीडीपी ग्रोथ रेट में निकट अवधि में गिरावट देखने को मिल सकती है और यह इस वित्त वर्ष के दौरान 7 फीसद से नीचे जा सकती है जो कि बीते तीन वर्षों का निम्नतम स्तर होगा। ऐसा डीबीएस की एक रिपोर्ट में कहा गया है।

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वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी डीबीएस के मुताबिक, दो हालिया नीतिगत उपायों, नवंबर 2016 में नोटबंदी और 1 जुलाई 2017 को जीएसटी ने आर्थिक गतिविधियों पर छोटी अवधि के लिए असर डाला है और पहले से ही ग्रोथ की सुस्त रफ्तार को बढ़ाया है। डीबीएस ने कहा, “इसने विनिमार्ण क्षेत्र में पहले से जारी सुस्ती को बढ़ाया है और पहली छमाही में निवेश ग्रोथ 5.9 फीसद रही है जो कि साल 2016 में 7.9 फीसद रही थी।”

डीबीएस के रिसर्च नोट में कहा गया, “वित्त वर्ष 2017-18 में जून तिमाही में कमजोर प्रदर्शन और जुलाई-सितंबर में मामूली सुधार की संभावना ने हमारी पूरी वर्ष की उम्मीदों को झटका दिया है। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए वास्तविक जीडीपी सालाना आधार पर 6.8 फीसद रह सकती है जो कि पहले 7.3 फीसद रही थी।”

चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में 6 फीसद से कम रह सकती है जीडीपी ग्रोथ: SBI Report

वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ छह फीसद से नीचे रह सकती है। एग्रीकल्चर ग्रोथ में कमी और मैन्युफैक्चरिंग व माइनिंग सेक्टर में खराब प्रदर्शन के चलते एसबीआई की रिपोर्ट में ऐसी संभावना जताई गई है।

वित्त वर्ष 2017-18 की अप्रैल से जून तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ तीन वर्ष के निचले स्तर यानि कि 5.7 फीसद पर आ गई थी। इसी के चलते रिपोर्ट में चालू वित्त वर्ष के वार्षिक जीडीपी आकड़ों के लिए चिंताएं जताई गई थी। हालांकि इस बात का अनुमान लगाया गया है कि जुलाई से सितंबर तिमाही में जीडीपी आकड़ें कमजोर रह सकते हैं, लेकिन तीसरी और चौथी तिमाही में यह आंकड़ा 6.5 फीसद से नीचे रह सकता है।


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