रिस्क लीजिए वर्ना पिछड़ जाएंगे: साइरस मिस्त्री
टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने समूह की कंपनियों से स्पष्ट कहा है कि यदि उन्होंने जोखिम उठाने से गुरेज किया तो निरंतर बदलाव वाले मौजूदा दौर की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे
नई दिल्ली। टाटा ग्रुप के चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने समूह की कंपनियों से स्पष्ट कहा है कि यदि उन्होंने जोखिम उठाने से गुरेज किया तो निरंतर बदलाव वाले मौजूदा दौर की प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाएंगे। मिस्त्री ने ग्रुप की इन-हाउस पत्रिका को दिए इंटरव्यू में कहा कि दुनियाभर में इन दिनों ढेरों प्रभावशाली परिवर्तन हो रहे हैं, जिनका बिजनेस के माहौल पर असर हो रहा है।
इनमें भू-राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी बदलाव शामिल हैं। इनके साथ कदम मिलाकर चलने की जरूरत है। टाटा प्रमुख ने कहा, "हम इनमें से कई बदलाव को पहले ही देख चुके हैं। हमारी ढेरों कंपनियां ऐसे परिवर्तन को लेकर काफी संवेदनशील हैं। खास तौर पर जिस माहौल में हम काम कर रहे हैं, उसमें हालिया बदलाव का असर हमारे बिजनेस पर हो रहा है। इनका असर एक हद तक चक्रीय है।"
मिस्त्री के मंत्र
मिस्त्री ने 2012 में टाटा ग्रुप का चेयरमैन बनने के बाद पहली बार इन-हाउस पत्रिका को इंटरव्यू दिया है। इस मौके पर उन्होंने कहा, "टाइटन और वोल्टास जैसी समूह की जिन कंपनियों का ग्राहकों से करीबी रिश्ता है, उनमें उतार-चढ़ाव कम आता है और अक्सर उनकी कमाई का ग्राफ ऊपर रहता है।"
जाहिर है, ग्रुप को ग्राहकों के साथ नजदीकी जुड़ाव बनाने की रणनीति अपनाने की जरूरत है। उन्हें ग्राहकों की जरूरतों का अंदाजा लगाना होगा और पोर्टफोलियो को इस कदर संतुलित करना होगा कि समग्र कारोबार पर बिजनेस साइकिल के उतार-चढ़ाव का कम से कम असर हो।
ग्राहक को समझें कंपनियां
मिस्त्री ने कहा, "हम अपने मजबूत बिजनेस-टु-बिजनेस उपक्रमों में निवेशक जारी रखेंगे, जहां हमारे पास लंबी अवधि में वैल्यू क्रिएट करने के लिए पर्याप्त संसाधन हैं।" उन्होंने कहा कि टाटा ग्रुप कॉर्पोरेट दूरदर्शिता और ग्राहकों की जरूरत समझने को अहमियत दे रहा है।
मिस्त्री के मुताबिक जो कंपनियां लंबी अवधि के चलन की थाह लेने और ग्राहकों की निरंतर बदलती जरूरतों को समझने में सक्षम हैं, वे बदलाव के इस दौर का भरपूर फायदा उठा सकेंगे।
जोखिम को मौके में तब्दील करें
टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा सन्स में मिस्त्री परिवार की 17 फीसदी हिस्सेदारी है। उन्होंने कहा कि चाहे टेक्नोलॉजी की बात हो या डिजिटल दौर का या फिर सामग्री विज्ञान या बायोसाइंसेज का, इनमें बदलाव बिजनेस के मौके और जोखिम साथ-साथ लाते हैं।
ऐसे में ग्रुप की कंपनियों को अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) में पर्याप्त निवेश करते रहना होगा। इसके अलावा ग्राहकों को हर स्तर पर समझने की कोशिश करनी होगी। ऐसा करने पर नए कारोबार खड़े करने के ढेरों मौके नजर आने लगेंगे। मिस्त्री ने ग्रुप की कंपनियों को चेताया कि जहां तक रिस्क लेने का सवाल है, यदि कंपनियां ऐसा नहीं करेंगी तो पिछड़ जाएंगी।