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Cyber Crime: 40000 सिम कार्ड, 180 से ज्यादा मोबाइल; ऐसे करता था ऑनलाइन ट्रेडिंग में फ्रॉड

पिछले कुछ साल से भारतीय शेयर बाजार तगड़ा रिटर्न दे रहा है। ऐसे में बहुत से नए लोग भी शेयर बाजार में पैसा लगाने लगे हैं जो इसकी बारीकियों को नहीं जानते। साइबर अपराधियों को नजरें फ्रॉड करने के लिए इसी तरह के लोगों को ढूंढती है। इस बारे में मार्केट रेगुलेटर सेबी लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है। लेकिन जालसाज नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को फंसा रहे हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 12 May 2024 06:31 PM (IST)
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आरोपी अब्दुल रोशन कर्नाटक के कोप्पा का रहने वाला है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले कुछ साल से भारतीय शेयर बाजार तगड़ा रिटर्न दे रहा है। ऐसे में बहुत से नए लोग भी शेयर बाजार में पैसा लगाने लगे हैं, जो इसकी बारीकियों को नहीं जानते। साइबर अपराधियों को नजरें फ्रॉड करने के लिए इसी तरह के लोगों को ढूंढती है। खासकर, फेसबुक, टेलीग्राम और वॉट्सऐप जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके।इस बारे में मार्केट रेगुलेटर सेबी लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है। लेकिन, जालसाज नए-नए हथकंडे अपनाकर लोगों को फंसा रहे हैं।

बायोमीट्रिक रीडर भी जब्त

केरल में ऑनलाइन ट्रेडिंग फ्रॉड के एक मामले में मलप्पुरम पुलिस की साइबर अपराध यूनिट ने एक शख्स को 40 हजार से अधिक सिम कार्ड और 180 मोबाइल फोन के साथ गिरफ्तार किया है। उसके पास छह बायोमेट्रिक रीडर भी मिले। आरोपी अब्दुल रोशन कर्नाटक के कोप्पा का रहने वाला है। उसे मलप्पुरम के एक शख्स की शिकायत पर पकड़ा गया।

उस शख्स का आरोप था कि अब्दुल रोशन ने उसे ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर अपने जाल में फंसाया और 1.08 करोड़ रुपये का चूना लगा दिया। विक्टिम को फेसबुक पर शेयर मार्केट वेबसाइट का एक लिंक मिला। उस पर क्लिक करने के बाद ही उनके बुरे दिन शुरू हो गए। उन्हें जालसाजों ने अपने जाल में फंसा लिया।

जालसाजों ने कैसे फंसाया?

साइबर अपराधियों ने खुद को शेयर मार्केट साइट के ग्राहक सेवा प्रतिनिधि के तौर पर पेश किया। उन्होंने पीड़ित को भारी रिटर्न और डिविडेंड का लालच दिखाकर भारी रकम वसूली। जब भी उस शख्स को 1 करोड़ से ज्यादा 'निवेश' करने के बाद कोई रिटर्न या डिविडेंड नहीं मिला, तो उसने सीधे साइबर पुलिस से शिकायत की।

पुलिस ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया। कर्नाटक पुलिस ने भी मलप्पुरम पुलिस की काफी मदद की और वे मिलकर आरोपी तक पहुंच गए, जो कर्नाटक के कोटक जिले में एक किराये के कमरे में छिपा था।

बड़ा हो सकता है मामला

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह मामला काफी बड़ा हो सकता है और इसमें कई लोगों के शामिल होने की संभावना है। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने साइबर फ्रॉड के शिकार लोगों से ओटीपी हासिल करने के लिए फोन और सिम कार्ड का इस्तेमाल किया। आरोपी अब्दुल रोशन के नेटवर्क से जुड़ी मोबाइल शॉप अपने ग्राहकों की जानकारी के बिना उनकी अंगुलियों के निशान ले लेती थीं और फिर उसका इस्तेमाल सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए करती थीं।

अब्दुल रोशन ने ऐसे सिम कार्ड 50 रुपये में खरीदे। इससे पहले राज्य में किसी भी ऑनलाइन फ्रॉड के लिए इतनी बड़ी संख्या में सिम कार्ड का इस्तेमाल नहीं हुआ था। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि अब्दुल रोशन और उसके फ्रॉड के शिकार लोगों की संख्या कितनी बड़ी भी हो सकती है।

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