FY19 में GDP के अनुपात में 2.8 फीसद रह सकता है चालू खाता घाटा: रिपोर्ट
वित्त वर्ष 2019 में व्यापार असंतुलन के 188 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि वित्त वर्ष 2018 में 160 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चालू वित्त वर्ष में देश का चालू खाता घाटा जीडीपी के अनुपात में 2.8 फीसद रह सकता है। ऐसा कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी और निर्यात में मामूली वृद्धि के चलते होगा। यह अनुमान एक रिपोर्ट में लगाया गया है।
वहीं वित्त वर्ष 2019 में व्यापार असंतुलन के 188 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो कि वित्त वर्ष 2018 में 160 अरब अमेरिकी डॉलर रहा था। यह जानकारी एसबीआई की इकोरैप के जरिए सामने आई थी। इस रिपोर्ट में कहा गया, "तेल की बढ़ती कीमतें और कमजोर निर्यात वृद्धि की पृष्ठभूमि में चालू वित्त वर्ष में चालू खाता घाटा के सकल घरेलू उत्पाद (75 अरब अमेरिकी डॉलर) के 2.8 फीसद तक पहुंचने का अनुमान है।"
जुलाई महीने में व्यापार घाटा बढ़कर 18 अरब डॉलर पर पहुंच गया। ऊंचे आयात बिल के बीच निर्यात के कमजोर प्रदर्शन की वजह से ही व्यापार घाटा बढ़ा है। जुलाई, 2018 में कच्चे तेल का आयात सालाना आधार पर 57.4 फीसद बढ़कर 12.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया, जो इससे बीते साल की समान अवधि में 7.8 अरब डॉलर था।
साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर कच्चे तेल के दाम 2017 के स्तर पर ही बने रहते हैं तो कच्चे तेल का आयात बिल चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 31.7 फीसद कम रह सकता था। दूसरी तरफ चीन की मुद्रा युआन के अवमूल्यन की वजह से मई और जून में भारत का चीन से आयात बढ़ा है, जबकि अप्रैल में यह घटा था।