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RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने चेताया, Cryptocurrency किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा

RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचारों को दोहराते हुए यह कहा कि क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों द्वारा नियंत्रण के बाहर हैं।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Thu, 11 Nov 2021 07:34 AM (IST)Updated: Thu, 11 Nov 2021 09:07 AM (IST)
RBI गवर्नर कहा कि, " क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के नजरिए से एक गंभीर चिंता का विषय है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक बार फिर से क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ अपना पक्ष रखते हुए यह कहा कि, "क्रिप्टोकरेंसी देश की व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए गंभीर खतरा पैदा करते हैं। इसके साथ ही उन पर व्यापार करने वाले निवेशकों की तादाद के साथ उनके दावा किए गए बाजार मूल्य पर भी संदेह उत्पन्न करते हैं।" Reserve Bank Of India (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने क्रिप्टोकरेंसी को अनुमति देने के खिलाफ अपने विचारों को दोहराते हुए यह कहा कि, "क्रिप्टोकरेंसी किसी भी वित्तीय प्रणाली के लिए गंभीर खतरा हैं क्योंकि वे केंद्रीय बैंकों के नियंत्रण के बाहर हैं।"

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RBI गवर्नर ने बयान देते हुए यह कहा कि, "क्रिप्टोकरेंसी व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के नजरिए से एक गंभीर चिंता का विषय है। सरकार इस मुद्दे पर सक्रियता से विचार कर रही है और इस पर फैसला करेगी। लेकिन, केंद्रीय बैंकर के रूप में हमें इसके बारे में गंभीर चिंताएं हैं।"

इन पर ट्रेडिंग करने वाले निवेशकों की संख्या के साथ-साथ इन मुद्राओं के बाजार मूल्य पर मीडिया में बताई जा रही बड़ी संख्या पर सवाल उठाते हुए, दास ने कहा, "मैं इन नंबरों की सत्यता के बारे में निश्चित नहीं हूं। हालांकि, मेरा मानना पूरी तरह से सही नहीं हो सकता है, क्योंकि हमें इन मुद्राओं के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिलती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि ये हमारे द्वारा या किसी अन्य केंद्रीय बैंक द्वारा विनियमित नहीं होती हैं। लेकिन मुझे लगता है कि, इसके तहत निवेशकों की संख्या को थोड़ा बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जा रहा है। क्योंकि, लगभग 70 फीसद ऐसे निवेशक हैं, जिन्होंने इसके तहत केवल 1,000 रुपए तक का निवेश किया है।"

आपको बताते चलें कि, मार्च 2020 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध लगाने वाले RBI के सर्कुलर को रद्द कर दिया था। इसके बाद 5 फरवरी, 2021 में केंद्रीय बैंक ने केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के मॉडल का सुझाव देने के लिए एक आंतरिक पैनल का गठन किया था।


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