कच्चा तेल, रुपया और तिमाही नतीजे: इन तीन ट्रिगर्स पर रहेगी बाजार की नजर
निवेशकों की निगाह कंपनियों के तिमाही नतीजों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफआइआइ) के निवेश पर रहेगी
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। प्रमुख एशियाई बाजारों ने सुस्ती के साथ शुरुआत की है जिसका असर साफ तौर पर भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है। इस हफ्ते बाजार को चलाने में कच्चे तेल, रुपये और कंपनियों के आने वाले तिमाही नतीजों की प्रमुख भूमिका होगा। निवेशकों की नजर इन्हीं तीनों ट्रिगर्स पर रहेगी।
जुलाई के वायदा सौदों का निपटारा भी इसी हफ्ते होना है। इससे भी बाजार की चाल पर असर पड़ सकता है। बीते हफ्ते बीएसई के सेंसेक्स में 45 और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी में नौ अंक की गिरावट दर्ज की गई थी। इससे पहले दो हफ्ते बाजार बढ़त में बंद हुए थे।
एशियाई बाजारों का हाल: प्रमुख एशियाई बाजारों ने आज गिरावट के साथ शुरुआत की है। सुबह के 8 बजे जापान का निक्केई 1.19 फीसद की गिरावट के साथ 22428 पर, चीन का शांघाई 0.01 फीसद की गिरावट करे साथ 2828, हैंगसेंग 0.23 फीसद की गिरावट के साथ 28160 और ताइवान का कोस्पी 0.62 फीसद की गिरावट के साथ 2274 पर कारोबार करता देखा गया।
अगर अमेरिकी बाजारों की बात करें तो वो भी बीते दिन गिरावट के साथ बंद हुए हैं। डाओ जोंस 0.03 फीसद की गिरावट के साथ 25058, स्टैंडर्ड एंड पुअर्स 0.09 फीसद की गिरावट के सासथ 2801 और नैस्डैक 0.07 फीसद की गिरावट के साथ 7820 पर बंद हुए हैं।
एक्सपर्ट का नजरिया:
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटजिस्ट वी. के. विजयकुमार ने कहा कि लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव का घटनाक्रम निष्प्रभावी रहा। नतीजा वही रहा, जिसका अनुमान था। बाजार के लिहाज से इसका कोई असर नहीं होगा। इस साल के आखिर में राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन्हें देखते हुए बाजार पर राजनीतिक घटनाक्रमों का असर कुछ समय बाद देखने को मिल सकता है।
फिलहाल निवेशकों की निगाह कंपनियों के तिमाही नतीजों और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफआइआइ) के निवेश पर रहेगी। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा कि कंपनियों की कमाई में सुधार से बाजार को बढ़त का मौका मिल सकता है। इस हफ्ते एशियन पेंट्स, भेल, केनरा बैंक, एचसीएल इन्फोसिस्टम्स, आइटीसी, मारुति सुजुकी, टाटा पावर, यस बैंक, आइसीआइसीआइ बैंक, हीरो मोटोकॉर्प और डॉ. रेड्डीज लैब जैसी बड़ी कंपनियों के तिमाही नतीजे जारी होने हैं। गुरुवार को जुलाई के वायदा सौदों का निपटारा होगा।
इस बीच, ग्लोबल इन्वेस्टमेंट बैंक मॉर्गन स्टेनली की एक रिपोर्ट में सेंसेक्स को लेकर बड़ा अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे बाजार के अनुरूप रहे, तो अगले साल सेंसेक्स 44,000 के स्तर को पार कर जाएगा। हालांकि नतीजे प्रतिकूल रहने पर इसके 36,000 के आसपास बने रहने का अनुमान है। पिछले हफ्ते सेंसेक्स ने 36548.41 का सर्वोच्च स्तर छुआ था।
एफपीआइ ने निकाले 2,031 करोड़ रुपये: पूंजी बाजार से विदेशी निवेशकों की निकासी का क्रम जारी है। जुलाई में अब तक (दो से 20 जुलाई) विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने 2,031 करोड़ रुपये निकाले हैं। इनमें से डेट मार्केट से 1,173 करोड़ रुपये और इक्विटी बाजार से 858 करोड़ रुपये निकाले गए। पिछले तीन महीनों (अप्रैल-जून) के दौरान विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से 61,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की है। मार्च में विदेशी निवेशकों ने 2,661 करोड़ रुपये डाले थे।
शीर्ष 10 में से सात कंपनियों का एम-कैप बढ़ा: बीते हफ्ते शीर्ष 10 कंपनियों में से सात के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) में 53,799.78 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। सबसे ज्यादा फायदे में रिलांयस इंडस्ट्रीज रही। रिलायंस इंडस्ट्रीज का एम-कैप 20,162.14 करोड़ रुपये बढ़कर 7,15,106.70 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। एचडीएफसी बैंक का एम-कैप 11,010.5 करोड़ रुपये बढ़कर 5,78,899.21 करोड़ रुपये रहा। इन्फोसिस, टीसीएस, आइटीसी, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) और एचडीएफसी के बाजार मूल्यांकन में बढ़ोतरी हुई। दूसरी ओर, समीक्षाधीन सप्ताह में हिंदुस्तान यूनीलिवर, कोटक महिंद्रा और मारुति सुजुकी के बाजार पूंजीकरण में गिरावट दर्ज की गई।