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अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में घटे Crude Oil के दाम, जानें आम आदमी को कब नसीब होगा सस्‍ता पेट्रोल-डीजल

सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ दो-चार दिनों की गिरावट के आधार पर देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। आम जनता को राहत तभी मिलेगी जब लंबे समय तक क्रूड की कीमतें 100 डॉलर से नीचे रहें

By Manish MishraEdited By: Published: Tue, 21 Jun 2022 07:50 AM (IST)Updated: Wed, 22 Jun 2022 06:54 AM (IST)
अंतरराष्‍ट्रीय बाजार में घटे Crude Oil के दाम, जानें आम आदमी को कब नसीब होगा सस्‍ता पेट्रोल-डीजल
Crude oil prices reduced in the international market, know when the common man will get cheaper petrol-diesel (PC: pexels.com)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार से सरकार और घरेलू तेल कंपनियों को इससे बेहतर खबर नहीं मिल सकती। तकरीबन साढ़े तीन महीने के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड की कीमतों में (Crude Oil Price) नरमी का रूख आया है। पिछले चार दिनों में महंगे क्रूड की कीमत 119 डॉलर प्रति बैरल से घट कर 113 डॉलर से नीचे आ गई है। बाजार में जुलाई माह के लिए क्रूड के सौदे 109 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहे हैं जो इस बात की तरफ इशारा है कि अभी इसमें और कमी आएगी। लेकिन इस कमी का अभी आम जनता को फायदा होने की गुंजाइश नहीं है। अगर कमी का यह दौर यूं ही जारी रहे और क्रूड कम से कम तीन से पांच हफ्तों तक 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे रहे तब देश की तेल कंपनियां पेट्रोल व डीजल की मौजूदा खुदरा कीमत में कुछ राहत देने की स्थिति में होंगी।

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वैश्विक क्रूड बाजार का बेंचमार्क दिखाने वाले ब्रेंट क्रूड की कीमत सोमवार को 112.99 डॉलर प्रति बैरल थी। पिछले शुक्रवार को यह कीमत 119.16 डॉलर और पिछले सोमवार को 123.15 डॉलर प्रति बैरल थी। इस तरह से हफ्ते भर में गिरावट 7 फीसद से ज्यादा का है। भारतीय शेयर बाजार में सोमवार की तेजी के लिए इस गिरावट को ही कारण बताया जा रहा है। क्रूड की कीमतों में गिरावट के लिए वैश्विक मंदी की आशंका मजबूत होने को एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। खास तौर पर जिस तरह से अमेरिका के केंद्रीय बैंक ने एक झटके में जिस तरह से 0.75 फीसद ब्याज दर बढ़ाने का फैसला किया है उससे मांग में कमी की संभावना जताई जाने लगी है। इससे क्रूड की मांग भी प्रभावित हो सकती है।

सरकारी पेट्रोलियम कंपनियों के अधिकारियों का कहना है कि सिर्फ दो-चार दिनों की गिरावट के आधार पर देश में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में कोई बदलाव नहीं होगा। आम जनता को राहत तभी मिलेगी जब लंबे समय तक क्रूड की कीमतें 100 डॉलर से नीचे रहें। मई, 2022 में केंद्र सरकार की तरफ से पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती करने के बावजूद तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें लागत से पेट्रोल को 9 रुपये प्रति लीटर कम और डीजल 15 रुपये प्रति लीटर कम बेचना पड़ रहा है। यह अंतर तभी पटेगा जब क्रूड की कीमतें और तेजी से नीचे आए। उम्मीद की किरण जुलाई के लिए क्रूड के होने वाले वायदा कारोबार में दिख रही है। विश्व के बड़े क्रूड एक्सचेंज में जुलाई के लिए क्रूड की कीमत 109 डॉलर प्रति बैरल दर्ज की गई है।

इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने चेतावनी दी है कि वैश्विक मांग की स्थिति को देखते हुए एनर्जी उत्पादों की मौजूदा कीमत को ऊंचे स्तर पर बना कर नहीं रखा जा सकता। क्रूड बाजार का मिजाज आने वाले हफ्तों व महीनों में बहुत कुछ आपूर्ति से भी तय होगा। देखना होगा कि रूस किस हद तक कच्चा तेल व गैस उत्पादन बढ़ाने व इसकी आपूर्ति करने में सफल रहता है।

घरेलू बाजार में देखें तो 22 मई, 2022 के बाद से पेट्रोलियम उत्पादों की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं आया है। तब उत्पाद शुल्क में कटौती की वजह से दिल्ली में एक दिन में पेट्रोल 105.41 रुपये से घट कर 96.72 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर से घट कर 89.62 रुपये प्रति लीटर हो गई थी।


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