क्रूड ऑयल पांच हफ्ते की ऊंचाई से फिसला, लेकिन तेजी की आंशका कायम
क्रूड ऑयल की कीमतों में फिसलन जरूर आई है, लेकिन इसमें तेजी की उम्मीद बरकरार है
नई दिल्ली (जेएनएन)। मंगलवार को ग्लोबल मार्केट में ब्रेंट और WTI क्रूड मामूली कमजोरी के साथ कारोबार कर रहे हैं। इसकी वजह अमेरिका में शेल ऑयल के उत्पादन में इजाफा होने की संभावना है। लेकिन इससे पहले मध्य पूर्व में भूराजनीतिक तनाव (जिओ पॉलिटिकल टेंशन) और उत्पादन में कमी से कच्चे तेल की कीमतों में अच्छी तेजी देखने को मिली थी। इस तेजी में कच्चे तेल का भाव ग्लोबल मार्केट में पांच हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंच गए थे। एक्सपर्ट मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है।
विशेषज्ञ का नजरिया
केडिया कमोडिटी प्रमुख अजय केडिया के जिओ पॉलिटिकल टेंशन और तेल उत्पादन में कमी के कारण ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ सकती हैं। जिसका असर भारतीय बाजार पर भी दिखेगा। भारतीय बाजार के लिहाज से 3341 से 3471 रुपए का दायरा कच्चे तेल के लिए अहम है। अभी मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के भाव 3 रुपए की गिरावट के साथ 3421 रुपए प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं। केडिया के मुताबिक लीबिया में ऑयल टर्मिनल से शरारा ऑयलफील्ड को जोड़ने वाली लाइन को ब्लॉक कर दिया गया। जिसकी वजह से इस ऑयल फील्ड से कच्चे तेल का उत्पादन बंद हो गया। इस खबर से कच्चे तेल की कीमतों को सहारा मिल सकता है। वहीं नॉर्थ कोरया बॉर्डर पर चीन के ट्रूप को भेजने की खबर से एक बार फिर जिओ पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने की संभावना है।
पांच हफ्ते की ऊंचाई से फिसला क्रूड
सीरिया पर अमेरिका के मिसाइल अटैक के बाद कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला। इस तेजी में ब्रेंट क्रूड 7 मार्च के बाद पहली बार 56.16 डॉलर प्रति बैरल के स्तर तक पहुंच गया। वहीं WTI क्रूड भी पांच हफ्ते की ऊंचाई (53.23 डॉलर प्रति बैरल) के स्तर पर पहुंच गया। फिलहाल ब्रेंट क्रूड 0.1 फीसद की मामूली कमजोरी के साथ 55.94 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर और WTI क्रूड 0.15 फीसद की गिरावट के साथ 53 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर है। वहीं भारतीय बाजार की बात करें तो मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर कच्चे तेल के भाव 3 रुपए की गिरावट के साथ 3421 रुपए प्रति बैरल के स्तर पर कारोबार कर रहे हैं।