किसान फसल कर्जमाफी से सरकार के खजाने पर पड़ेगा 2.5 लाख करोड़ का बोझ: क्रिसिल
क्रिसिल ने अपनी हालिया रिपोर्ट में एक अनुमान लगाया है कि किसान फसल कर्जमाफी राज्यों के खजाने पर बोझ डाल सकती है
नई दिल्ली (जेएनएन)। अगर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब की ही तरह देश के अन्य आपदा प्रभावित राज्य किसान फसल कर्जमाफी की घोषणा कर देंगे तो सरकारी खजाने पर हर साल अनुमानित रूप से 2.5 लाख करोड़ रुपए का बोझ पड़ सकता है जो कि कुल जीडीपी का 0.5 फीसद हिस्सा होगी। यह अनुमान प्रमुख रेटिंग फर्म क्रिसिल ने लगाया है।
सामान्य मानसून वाले सालों में किसान फसल कर्जमाफी को विरोधाभासी करार देते हुए क्रिसिल ने अपनी रिपोर्ट में कहा, “हमारे अनुमान के मुताबिक अगर जिस तरह से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक और पंजाब ने किसान फसल कर्जमाफी की घोषणा की है अगर इसका अनुकरण अन्य राज्य भी करते हैं तो सरकारी खजाने पर हर साल 2.5 लाख करोड़ का बोझ पड़ेगा जो कि जीडीपी का 0.5 फीसद हिस्सा होगा। इस तरह की माफी का असर अगले तीन सालों तक दिखता है।”
किस राज्य पर पड़ेगा सबसे ज्यादा बोझ: इस रिपोर्ट में कहा गया कि अगर अन्य राज्य भी ऐसा करते हैं तो सबसे ज्यादा बोझ तमिलनाडु पर दिखाई देगा क्योंकि कृषि ऋण के मामले में ये राज्य सबसे आगे है। इसके बाद अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा बोझ केरल, मध्यप्रदेश और राजस्थान पर पड़ेगा।
गौरतलब है कि सरकार ने इससे पहले अनुमान लगाया था इस साल खरीफ में खाद्यान्नों के उत्पादन में 2.8 फीसद की कमी आ सकती है और तिलहन के उत्पादन में भी 7.7 फीसद की कमी आ सकती है।