क्रेडिट कार्ड बिल समय पर जमा करना है जरूरी, वरना इन दिक्कतों का करना पड़ सकता है सामना
अगर आप क्रेडिट कार्ड का भुगतान देरी से करते हैं तो क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनी आपसे लेट फीस वसूल सकती है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। यह डिजिटल लेनदेन का जमाना है, जहां लोग महज 100-200 रुपये लेकर घर से बाहर निकल जाते हैं। बस लोग घर से निकलते समय डेबिट कार्ड और क्रेडिट कार्ड अपने पास रखना नहीं भूलते हैं। क्रेडिट कार्ड आज के समय में भुगतान और लेनदेन का सबसे सुविधाजनक माध्यम बनकर उभरा है। यह एक तरह की लोन सुविधा है, जिसका भुगतान आपको बाद में करना होता है। क्रेडिट कार्ड का बिल एक निश्चित तारीख तक जमा करना होता है और उस दौरान आपको किसी तरह का ब्याज नहीं देना होता है। हालांकि, कई ऐसे लोग हैं, जो किसी वजह से समय पर क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आपके लिए यह जानना बेहद जरूरी है कि क्रेडिट कार्ड का पेमेंट समय पर नहीं करने पर आपको किन चीजों का सामना करना पड़ सकता है।
लेट फीस
अगर आप क्रेडिट कार्ड का भुगतान देरी से करते हैं तो क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनी आपसे लेट फीस वसूल सकती है। आपके अगले बिल में लेट फीस या बिल नहीं जमा करने पर जुर्माना जुड़ सकता है। हालांकि, लेट फीस कितना होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनी की लेट फीस से जुड़ी पॉलिसी क्या है। इसके साथ ही यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका बिल कितने रुपये का है।
उच्च दर से ब्याज
क्रेडिट कार्ड का भुगतान समय पर नहीं करने पर ग्राहकों को उच्च दर से ब्याज का भुगतान करना पड़ता है। क्रेडिट कार्ड की बकाया राशि पर आपको 36 फीसद से लेकर 42 फीसद सालाना की दर से ब्याज देना पड़ता है।
क्रेडिट स्कोर पर पड़ता है असर
देरी से क्रेडिट कार्ड का भुगतान करने पर आपके क्रेडिट स्कोर या CIBIL Score पर नकारात्मक असर पड़ता है। आप क्रेडिट कार्ड के भुगतान में जितनी बार और जितना अधिक देरी करेंगे, आपका क्रेडिट स्कोर उतना ही नीचे जाएगा। क्रेडिट स्कोर में गिरावट होने पर आपको भविष्य में लोन लेने में दिक्कत होती है। साथ ही आपको अगर लोन मिलता है तो बैंक या वित्तीय कंपनियां अधिक ब्याज वसूलती हैं।
क्रेडिट कार्ड डिफॉल्ट
सामान्य तौर पर अगर आप करीब छह महीने तक क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान नहीं करते हैं तो क्रेडिट कार्ड इश्यू करने वाली कंपनियां आपके अकाउंट को ब्लॉक कर देती हैं और बट्टे खाते में डाल देती हैं। इसके साथ ही कंपनी की ओर से रिकवरी की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। यहां तक कि कंपनी आपके खिलाफ वैधानिक कदम भी उठा सकती है।
इस बात पर ध्यान देना जरूरी
यहां इस बात पर ध्यान देना जरूरी है कि कोरोना वायरस के मौजूदा संकट को देखते हुए आप विभिन्न बैंकों की ओर से मिल रहे मोराटोरियम के विकल्प को चुन सकते हैं। इसका मतलब है कि मार्च से मई तक क्रेडिट कार्ड का भुगतान नहीं करने पर आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन यहां बताना जरूरी है कि ग्राहकों को उच्च दर से ब्याज देना पड़ सकता है।