देश में चलेगा मजदूरों के बैंक खाते खोलने का अभियान, विशेष कैंपों का किया आयोजन
सरकार ऐसे मजदूरों का बैंक खाता खोलने के लिए एक विशेष अभियान चलाने जा रही है। पूरे देश में इसके लिए विशेष कैंपों का आयोजन किया जाएगा।
नई दिल्ली (जागरण ब्यूरो)। नोटबंदी की तकलीफ कम करने के लिए केंद्र सरकार अब संगठित और असंगठित क्षेत्र के उन मजदूरों पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जिनके पास अभी बैंक खाते नहीं हैं। सरकार ऐसे मजदूरों का बैंक खाता खोलने के लिए एक विशेष अभियान चलाने जा रही है। पूरे देश में इसके लिए शनिवार से विशेष कैंपों का आयोजन किया जाएगा।
नोटबंदी के बाद हालात की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठकों में यह बात सामने आई कि अब भी संगठित और असंगठित क्षेत्र के कई मजदूरों के पास बैंक खाते नहीं हैं। ऐसे लोगों को कैशलेस समाज का हिस्सा बनने में दिक्कत आएगी। लिहाजा श्रम एवं रोजगार मंत्रलय को इन लोगों के खाते खुलवाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। मंत्रलय ने शनिवार से देश के प्रत्येक जिले में खाता खोलने संबंधी कैंप लगाने का फैसला लिया है।
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने बताया कि सभी रायों को इस संबंध संदेश भेज दिया गया है। सभी प्रदेश सरकारों से इस अभियान में सहयोग करने का आग्रह किया गया है। जिलाधिकारी, बैंक के लीड जिला मैनेजर और श्रम कार्यालय के अफसर खाता खोलने की प्रक्रिया का निर्धारण करेंगे।
हालांकि मंत्रलय को अभी इस बात की स्पष्ट जानकारी नहीं है कि देश में ऐसे कितने मजदूर हैं, जिनके पास बैंक खाता नहीं है। चूंकि सरकार 2014 में शुरू हुई जन धन योजना के तहत अब तक 25 करोड़ बैंक खाते खोल चुकी है। लेकिन नोटबंदी के बाद सरकार को इस तरह की जानकारी मिल रही थी कि कई जगहों पर असंगठित और संगठित दोनों क्षेत्रों में ऐसे मजदूर हैं, जिनके पास बैंक खाता नहीं है। ऐसे मजदूर नकद मजदूरी प्राप्त करते हैं। नोटबंदी के बाद इन्हें अपनी मजदूरी लेने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मोबिक्विक से हो सकेगा टोल भुगतान : लोगों को नोटबंदी के संकट से राहत देने के लिए मोबाइल वॉलेट कंपनियां और सरकार ने मिलकर कुछ और उपायों की घोषणा की है। ऐसी ही एक कंपनी मोबिक्विक ने कहा है कि उसके वॉलेट से देश भर में एनएचएआइ के 391 टोल नाकों पर टोल का भुगतान किया जा सकेगा। कंपनी को इसके लिए एनएचएआइ से मंजूरी मिल गई है। इसके अतिरिक्त असिस्टेड वॉलेट पेवल्र्ड ने एमपीओएस के माध्यम से देश के ग्रामीण और अर्धशहरी क्षेत्रों में छोटे कारोबारियों के बचाव के लिए हाथ बढ़ाया है।