'Coronavirus के प्रसार के बाद निवेश के मामले में सबसे बुरे समय के लिए भी तैयार रहें निवेशक'
वाल स्ट्रीट से जुड़े कुछ बड़े नामों ने भी कोरोनावायरस के असर के बारे में आंकड़े दिए हैं।
नई दिल्ली, धीरेंद्र कुमार। नासिम तालेब का ‘आइडिया ऑफ ब्लैक स्वान’ काफी मशहूर है। निवेशकों के लिए इसके बारे में एक बार फिर से जानना अच्छा रहेगा। यह समय भी इसके लिए बहुत माकूल है। इक्विटी निवेशक ऐसे माहौल में रहते हैं जहां विश्लेषक इस बात पर सहमत नहीं होते हैं कि किसी कंपनी की अनुमानित ईपीएस ग्रोथ 10.2 प्रतिशत रहेगी या 10.5 प्रतिशत। और अर्थशास्त्री जीडीपी नंबर को लेकर अलग-अलग राय रखते हैं। अब बात करते हैं वास्तविक दुनिया की। दुनिया की इकोनॉमी में कम से कम 16 प्रतिशत योगदान करने वाली इकोनॉमी की ग्रोथ पर ब्रेक लग सकता है या हो सकता है कि इकोनॉमी मंदी का शिकार हो जाए। और इसकी वजह ऐसी आपदा होगी जिसके बारे में लगभग 75 दिन पहले कोई जानता भी नहीं था।
अगर चीन में कोरोनोवायरस का प्रकोप इतनी ही तीव्रता के साथ बना रहा तो। यहां है असली समस्या। इस वाक्य को पूरा करने का कोई तरीका नहीं है। वास्तव में यही है ब्लैक स्वान इवेंट। ब्लैक स्वान किसी ऐसी चीज से भी आगे की बात है जिसके होने की संभावना नहीं है। यह इस तरह का इवेंट है जिसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है या जिसकी मौजूदगी को लेकर संदेह भी नहीं हो सकता है। यह अनुमान और भविष्यवाणी के उन सभी तौर-तरीकों से परे है जिन पर हम भरोसा करते हैं।
पिछले कुछ सप्ताह में आपने आर्थिक दुनिया से जुड़ी खबरें पढ़ी होंगी। खबरों से इस बात का अनुमान लगाया गया है कि कोरोनावायरस के प्रकोप का ग्लोबल इकोनॉमी पर कितना असर होगा। वाल स्ट्रीट से जुड़े कुछ बड़े नामों ने भी इसके असर के बारे में आंकड़े दे दिए। एक सप्ताह पहले गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि ग्लोबल ग्रोथ पर इसका बहुत मामूली असर होगा। और इसकी वजह से ग्लोबल इकोनॉमी की औसत ग्रोथ में 0.1 प्रतिशत से 0.2 प्रतिशत तक कमी आ सकती है। एजेंसी का कहना है कि जब तक हालात में बहुत बड़ा बदलाव नहीं होता है तब तक वायरस का असर चीन में कारोबार करने वाली कंपनियों तक ही सीमित रहेगा। ब्लैक स्वान के बारे में अनुमान लगाने की अपनी क्षमता को लेकर इस भरोसे पर सिर्फ हंसा जा सकता है। ब्लैक स्वान ऐसी घटना है जो उन घटनाओं से आगे की चीज है जिनके बारे में अनुमान नहीं लगाया जा सकता है। चीन सरकार के खुद के आंकड़ों में कोरोनावायरस के बारे में रिपोर्ट आने के बाद सात दिन में वायरस के मामलों और मौत की संख्या दोगुनी हो गई है।
ऐसी घटनाओं से सबक लेने का मतलब यह नहीं है कि हमारा अनुमान बेहतर होना चाहिए या सब कुछ इस बात से तय होगा कि अनुमान कितने सटीक हैं। इसके बजाए हमें यह समझ लेना चाहिए कि ऐसी घटनाएं जिनके बारे बारे में हमे कोई अंदाजा या अनुमान नहीं होगा समय समय पर होती रहेंगी। इससे भी ज्यादा अहम बात यह है कि ऐसी घटनाओं के सकारात्मक होने के बजाए नकारात्मक होने की संभावना ज्यादा है। मैं बता रहा हूं कि मैं क्या कहना चाहता हूं।
क्या ऐसी कोई घटना हो सकती है जो दुनिया के आर्थिक उत्पादन को सिर्फ एक साल में 10 फीसद तक कम कर दे। इसका जवाब है हां। ऐसा हो सकता है। लेकिन क्या इसका उलटा हो सकता है। क्या कुछ ऐसा हो सकता है कि जिससे दुनिया का आर्थिक उत्पादन एक साल में ही 10 प्रतिशत तक बढ़ जाए। नहीं। इस तरह का चमत्कार होने की संभावना नहीं के बराबर है। इस तरह की चीजें होने में यह बात बहुत मायने रखती है कि चीजें किस स्केल यानी पैमाने पर हो रही हैं। क्या एक इंडीविजुअल बहुत कम समय में अमीर बन सकता है। हां ऐसा दुनिया में रोज बहुत से लोगों के साथ होता है। लेकिन क्या ऐसा छोटी कंपनी, बड़ी कंपनी या पूरे सेक्टर के साथ हो हो सकता है। या एक देश के साथ हो सकता है। या पूरी दुनिया के साथ हो सकता है। जैसे जैसे आप स्केल यानी पैमाना बढ़ाते चले जाते हैं तो ऐसा होने की संभावना कम होती चली जाती है। लेकिन संभावित नकारात्मक घटनाओं का असर हमेशा बड़ा होता है। ऐसे में बचत और निवेश करने वाले व्यक्ति को क्या करना चाहिए। इसका जवाब बहुत सरल है। निवेशक को हमेशा इस बात को लेकर सतर्क रहना चाहिए कि अगर निवेश की दुनिया में अब तक की सबसे तेज गिरावट आ जाए तो क्या होगा। क्योंकि साल दर साल निवेश की रकम बढ़ती जाती है लेकिन बुरा समय या ऐसी नकारात्मक घटना जिसके बारे में किसी ने नहीं सोचा है कभी भी हो सकती है। इसके लिए तैयार रहें।
इक्विटी निवेश के नतीजों का ऊंट कब किस करवट बैठेगा, इसका अंदाजा लगाना विश्लेषकों और अर्थशास्त्रियों के लिए भी कठिन काम रहा है। अर्थशास्त्री भी एक ही घटना को अलग-अलग अंदाज से देखते हैं और उसकी उसी अंदाज में व्याख्या भी करते हैं। ऐसे में यह सवाल बेहद सहज है कि अगर कोई आकस्मिक घटना घटी, तो निवेशकों की प्रतिक्रिया क्या होगी और उन्हें क्या करना चाहिए। या यूं कहें कि अगर निवेशकों का सामना किसी ‘ब्लैक स्वान’ से हुआ तो वे कौन सी राह अपनाएं। ब्लैक स्वान यानी एकदम से उपज आई कोई ऐसी परिस्थिति जिसके असर के बारे में अनुमान लगा पाना मुश्किल ही नहीं, एक तरह से नामुमकिन है। मसलन, चीन से उपजे और कई देशों तक फैल गए कोरोना वायरस से पैदा हुई परिस्थिति, जिसका अंजाम क्या होगा किसी को नहीं पता। ऐसे में किसी भी निवेशक को क्या करना चाहिए।
(लेखक वैल्यू रिसर्च के सीईओ हैं और ये उनके निजी विचार हैं।)