कोरोना असर: विश्व निर्यात में 50 अरब डॉलर गिरावट की आशंका, भारत का केमिकल सेक्टर हो सकता है सबसे ज्यादा प्रभावित
अमेरिका के व्यापार में 5.8 अरब डॉलर जापान में 5.2 अरब डॉलर दक्षिण कोरिया में 3.8 अरब डॉलर ताइवान में 2.6 अरब डॉलर तो वियतनाम में 2.3 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित हो सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के साथ दुनिया के 70 से अधिक देशों में कोरोना वायरस फैलने से फरवरी माह के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग निर्यात में 50 अरब डॉलर की कमी आ सकती है। यह आशंका यूनाइटेड नेशन कांफ्रेंस ऑन ट्रेड एंड डेवलपमेंट (अंकटाड) की तरफ से जाहिर की गई है। अंकटाड के मुताबिक भारतीय व्यापार पर इस अवधि में 34.8 करोड डॉलर का असर पड़ सकता है। सबसे अधिक असर केमिकल सेक्टर पर दिखने का अनुमान है। केमिकल सेक्टर के व्यापार में 12.9 करोड़ डॉलर की कमी आ सकती है।
अनुमान के मुताबिक टेक्सटाइल एवं अपैरल सेक्टर का 6.4 करोड़ डॉलर, ऑटोमोटिव सेक्टर का 3.4 करोड़ डॉलर, इलेक्टि्रकल मशीन का 1.2 करोड़ डॉलर, लेदर एवं लेदर उत्पाद का 1.3 करोड़ डॉलर, मेटल और मेटल उत्पाद का 2.7 करोड़ डॉलर तो लकड़ी एवं फर्नीचर का 1.5 करोड़ डॉलर का व्यापार प्रभावित हो सकता है। अंकटाड के अनुमान के मुताबिक चीन में फैली महामारी से सबसे अधिक यूरोपीय यूनियन का व्यापार प्रभावित होगा। ईयू के व्यापार में 15.6 अरब डॉलर की कमी आ सकती है।
अमेरिका के व्यापार में 5.8 अरब डॉलर, जापान में 5.2 अरब डॉलर, दक्षिण कोरिया में 3.8 अरब डॉलर, ताइवान में 2.6 अरब डॉलर तो वियतनाम में 2.3 अरब डॉलर का कारोबार प्रभावित हो सकता है। चीन विश्व निर्यात में 13 फीसद हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा निर्यातक देश है। वहीं विश्व आयात में 11 फीसद हिस्सेदारी के साथ दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आयातक देश हैं। लगभग 50 करोड़ लोग चीन में कोरोना के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव में है। इससे चीन में वस्तुओं की खपत में भारी गिरावट की आशंका है। दूसरी तरफ चीन 100 से अधिक देशों के लिए सप्लाई चेन का काम करता है।
मतलब चीन से इन देशों में फिनिश्ड गुड्स के निर्माण के लिए कच्चे माल की आपूर्ति होती है जो पिछले एक माह से लगभग ठप है। भारत भी फार्मा, इलेक्टि्रॉनिक गुड्स, मोबाइल फोन, ऑटो पार्ट्स, केमिकल्स, मेटल, अपैरल जैसे क्षेत्रों के कच्चे माल के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर करता है। चीन से आने वाले वाले कच्चे माल अन्य देशों के कच्चे माल के मुकाबले 20-25 फीसद सस्ते होते हैं। पिछले तीन माह से भारत के वस्तुओं के निर्यात में लगातार गिरावट हो रही है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के मुताबिक चीन के साथ दुनिया के कई देशों में कोरोना फैलने से भारतीय व्यापार पर इसका असर दिखेगा, लेकिन अभी इसका अनुमान नहीं लगाया जा सकता है।