Coronavirus Impact: देश की अर्थव्यवस्था पर होगा गहरा असर, 15-20 फीसद तक घट सकती हैं नियुक्तियां
Coronavirus Impact इस वैश्विक संकट का सबसे ज्यादा असर रोजगार के मोर्चे पर दिखने की आशंका जताई जा रही है।
मुंबई, एजेंसी। कोरोना वायरस आगामी दिनों में देश की अर्थव्यवस्था पर कहर ढा सकता है। इस वैश्विक संकट का सबसे ज्यादा असर रोजगार के मोर्चे पर दिखने की आशंका जताई जा रही है। ठेके पर काम करने वाले लोगों और डेली वेज कर्मचारियों के लिए जोखिम ब़़ढ गया है। विभिन्न रिक्रूटमेंट एजेंसियों के मुताबिक गैर संगठित क्षेत्रों में कोरोना वायरस का असर दिखना शुरू हो गया है। यदि हालात जल्द नहीं सुधरे तो संगठित क्षेत्र में नियुक्तियां 15-20 प्रतिशत तक घट सकती हैं। लगातार बंद हो रहे मॉल, होटल, सिनेमा हॉल, स्कूल, कॉलेज खाली दुकानें साफ संकेत दे रहे हैं कि आगामी दिनों में न केवल रोजगार के मौके सीमित होंगे, बल्कि पूरी अर्थव्यवस्था सुस्त प़़डने का जोखिम है।
रिकू्रटमेंट एजेंसियों का कहना है कि कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले दिहाड़ी मजदूरों और छोटे कारोबारियों के पास नौकरी करने वालों का काम बंद हो रहा है। जो खुद का कारोबार कर रहे हैं, उनका धंधा भी ठप हो रहा है। लेबर यूनियनें मांग कर रही हैं कि सरकार ठेके पर काम करने वाले और डेली वेज वर्कर्स को फौरन आर्थिक मदद मुहैया कराए।
कोरोना वायरस का होटल, टूर एंड ट्रैवल, फूड, कंस्ट्रक्शन और मनोरंजन जैसे सेक्टरों में काम करने वाले कर्मचारियों पर सबसे ज्यादा असर हो सकता है। गो एयर जैसी कुछ कंपनियों ने एहतियातन कुछ कर्मचारियों को छुट्टी पर भेज दिया है और मंदी का हवाला देते हुए वेतन देने से भी मना कर दिया है। रिक्रूटमेंट एजेंसी ग्लोबल हंट इंडिया के मुताबिक कोरोना वायरस का गैर संगठित क्षेत्र पर फौरन असर होगा, लेकिन यदि हालात 2--3 महीने ऐसे ही रहे तो संगठित क्षेत्र में भर्तियां 15--20 फीसदी घट सकती हैं।
अगले डेढ़ माह अहम
मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यन ने कहा है कि अगले 45 दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। उनका कहना है, 'अप्रैल के बाद ही हम कोरोना संकट के सही--सही प्रभाव का आकलन कर सकते हैं। सर्विस सेक्टर, खास तौर पर दैनिक मजदूरी पाने वाले लोगों को राहत देने के लिए सरकार ब़़डा कदम उठा सकती है।'