Coronavirus Impact: आरबीआई गवर्नर करेंगे मीडिया को संबोधित, ब्याज दरों में कटौती सहित हो सकते हैं कई ऐलान
Coronovirus के कारण हुए LockDown के समय में भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास आज कुछ राहत भरी घोषणाएं कर सकते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा कोरोना वायरस को रोकने के लिए हुए लॉकडाउन को देखते हुए किये गए 1 लाख 70 हजार करोड़ के राहत पैकेज के ऐलान के एक दिन बाद आज शुक्रवार को भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास मीडिया को संबोधित करने जा रहे हैं। शुक्रवार सुबह 10 बजे आरबीआई गवर्नर ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की है। माना जा रहा है। लॉकडाउन के चलते वे भी कुछ राहत भरी घोषणाएं कर सकते हैं।
गौरतलब है कि भारत 25 मार्च से ही 21 दिनों के लिए संपूर्ण लॉकडाउन में चला गया है। कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए इसकी चेन को तोड़ना जरूरी है। इसलिए केंद्र सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन लागू किया हुआ है। इस लॉकडाउन के चलते उद्योगों, व्यापारियों, कर्मचारियों और गरीब लोगों को होने वाले नुकसान में राहत पहुंचाने के लिए सरकार लगातार घोषणाएं कर रही है। आइए जानते हैं कि आरबीआई गवर्नर की प्रेस कांफ्रेंस में कौन-कौन सी घोषणाएं होने की संभावनाएं हैं।
बड़ी आर्थिक सुस्ती और कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किये गए 21 दिन के देशव्यापी लॉकडाउन को मद्देनजर रखते हुए अर्थशास्त्रियों को तीन अप्रैल को होने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दर में कटौती के फैसले की उम्मीद है, लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए आरबीआई गवर्नर आज भी इसकी घोषणा कर सकते हैं। बाजार विश्लेषकों के अनुसार, प्रमुख ब्याज दरों में 25 से 50 आधार अंक की कटौती की जा सकती है।
इस समय होने प्रमुख ब्याज दरों में महत्वपूर्ण कटौती बड़े स्तर पर लोन डिमांड को तो नहीं बढ़ा पाएगी, लेकिन फाइनेंशियल सिस्टम के लिए एक भावनात्मक प्रोत्साहन का काम जरूर कर सकती है। साथ ही इससे मनी मार्केट में देनदारी का बोझ थोड़ा कम हो जाएगा।
मौजुदा दर चक्र में इससे पहले आरबीआई 135 आधार अंकों की कटौती प्रमुख ब्याज दरों में कर चुका है। यह लोन डिमांड में पर्याप्त तेजी नहीं ला पाया है क्योंकि धरातल पर कई कारणों से आर्थिक गतिविधियों में काफी धीमी रफ्तार बनी हुई थी। वहां कोई वास्तविक डिमांड नहीं थी। इसके बावजूद ब्याज दर में कटौती ने देनदारों को बड़ी भावनात्मक राहत देने का काम किया है। विश्व स्तर पर देंखें, तो कोरोना वायरस के प्रकोप से लड़ने के लिए करीब 40 केंद्रीय बैंकों ने अपनी प्रमुख ब्याज दरों में कटौती के ऐलान किये हैं।
अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले कोरोना वायरस के प्रभाव से लड़ने के लिए आरबीआई कुछ अन्य फैसले भी ले सकता है। वह लॉकडाउन से जूझ रहे बैंकों और उद्योगों के दर्द को कम करने के लिए कुछ कदम उठा सकता है। उसमें एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) में अस्थायी राहत देना भी शामिल है। इसके अलावा आरबीआई गवर्नर आज की प्रेस कांफ्रेंस में लिक्विडिटी को बढ़ाने से जुड़े भी फैसले ले सकते हैं।