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कंपनियों ने किया आधार कानून का उल्लंघन, तो देना पड़ सकता है 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

सरकार ने आधार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है

By NiteshEdited By: Published: Wed, 02 Jan 2019 12:08 PM (IST)Updated: Wed, 02 Jan 2019 12:43 PM (IST)
कंपनियों ने किया आधार कानून का उल्लंघन, तो देना पड़ सकता है 1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सरकार ने आधार कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रस्ताव किया है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से जानकारी दी है कि यदि किसी कंपनी की ओर से नियमों के उल्लंघन का सिलसिला नहीं थमता है तो एक करोड़ रुपये के अतिरिक्त उन पर हर रोज 10 लाख रुपये अतिरिक्त का जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव है। आधार को लेकर निजता संबंधी चिंताओं की वजह से कानून में संशोधन की योजना बनाई गई है। इसके साथ ही भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण यूआईडीएआई को आय पर टैक्स छूट का भी प्रस्ताव है।

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सूत्रों ने बताया कि सरकार का इरादा इसके तहत यूआईडीएआई को अन्य नियामकों की तरह अधिक अधिकार देना है। अभी आधार कानून के तहत यूआईडीएआई के पास किसी उल्लंघन करने वाली इकाई के खिलाफ प्रवर्तन कार्रवाई का अधिकार नहीं है। प्रस्तावित बदलावों के तहत ऐसे बच्चे जिनके पास आधार हैं, उन्हें 18 साल की उम्र पूरी करने के छह महीने के अंदर इस 12 अंक की बायोमीट्रिक नंबर को रद्द कराने का विकल्प होगा।

प्रस्ताव में कहा गया है कि किसी बच्चे के आधार नामांकन के लिए माता-पिता या अभिभावक की मंजूरी जरूरी होगी। आधार नहीं होने पर किसी भी बच्चे को सब्सिडी, लाभ या अन्य सेवाओं से वंचित नहीं रखा जा सकेगा। प्रस्तावित संशोधनों में 'वर्चुअल आईडी' और आधार के इस्तेमाल के स्वैच्छिक और ऑफलाइन तरीके का भी प्रावधान होगा। लोकसभा में बुधवार को आधार कानून, भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम और धन शोधन रोधक कानून में संशोधन संबंधी विधेयक सूचीबद्ध है।

आधार कानून के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रस्ताव करते हुए प्रावधानों के मसौदे में कहा गया है कि इसमें एक नई धारा जोड़ी जाएगी। इसके तहत आधार पारिस्थितिकी तंत्र में कानून, नियम, नियमनों तथा निर्देशों का उल्लंघन करने वाली इकाइयों पर जुर्माना लगाया जा सके। आधार पारिस्थितिकी तंत्र में नामांकन एजेंसियां, पंजीयक, अनुरोध करने वाली इकाइयां, ऑफलाइन सत्यापन करने वाली एजेंसियां आदि आती हैं। अनधिकृत तरीके से सेंट्रल आइडेंटिफिकेशन डेटा रिपॉजिटरी तक पहुंच तथा डेटा से छेड़छाड़ करने पर सजा की अवधि को मौजूदा के तीन साल से बढ़ाकर 10 साल करने का भी प्रस्ताव है। 


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