राजकोषीय घाटा लक्ष्य पर विचार के लिए कमेटी बनेगी
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार एक महीने के भीतर एक पैनल का गठन करेगी जो राजकोषीय घाटे के लिए कोई फिक्स टारगेट तय करने के बजाय टारगेट की रेंज तय करने की व्यावहारिकता पर गौर करेगा।
नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार एक महीने के भीतर एक पैनल का गठन करेगी जो राजकोषीय घाटे के लिए कोई फिक्स टारगेट तय करने के बजाय टारगेट की रेंज तय करने की व्यावहारिकता पर गौर करेगा।
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि फिस्कल रिस्पोंसिबिलिटी बजट मैनेजमेंट (एफआरबीएम) पिछले दस साल से क्रियान्वित हो रहा है। इस तथ्य को ध्यान में रखकर अब समय आ गया है कि एफआरबीएम कानून की समीक्षा की जाए। वित्त मंत्रालय ने तय किया है कि एक कमेटी बनाई जाए। यह कमेटी एक माह में गठित हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा लक्ष्य के लिए प्रतिबद्ध रहे हैं। सरकार को इस साल 3.9 फीसद और अगले साल 3.5 फीसद घाटा रहने का अनुमान है। वित्त मंत्री ने पिछले माह अपने बजट भाषण में कहा था कि यह विचार सामने आ रहा है कि राजकोषीय घाटे के लिए लक्ष्य का कोई निश्चित आंकड़ा तय करने के बजाय एक दायरा तय किया जाए। इससे सरकार के पास तेजी से बदलते परिवेश में नीतिगत फैसले लेने के लिए पर्याप्त स्थान मिलेगा।
पीडीएमए से पहले आरबीआइ स्टाफ पर फैसला
वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के कर्जो के बेहतर प्रबंधन के लिए एक अलग एजेंसी गठित करने का प्रस्ताव फिलहाल टाल दिया क्योंकि वह पहले भारतीय रिजर्व बैंक के कर्ज प्रबंधन विभाग में लगे कर्मचारियों के भाग्य का फैसला करेगी। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरबीआइ के फ्रंट और बैक ऑफिस में लगे कर्मचारियों के बारे में फैसला करने के बाद पब्लिक डेट मैनेजमेंट एजेंसी (पीडीएमए) पर सही समय आने पर फैसला किया जाएगा।