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ई-सिगरेट, उससे जुड़ी चीजों के आयात पर रोक: वाणिज्य मंत्रालय

बता दें कि भारत ने 2018-19 में 9.12 करोड़ डॉलर का ई-सिगरेट उत्पाद का आयात किया था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 5.8 करोड़ डॉलर का आयात हुआ।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 09:09 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 09:09 PM (IST)
ई-सिगरेट, उससे जुड़ी चीजों के आयात पर रोक: वाणिज्य मंत्रालय
ई-सिगरेट, उससे जुड़ी चीजों के आयात पर रोक: वाणिज्य मंत्रालय

नई दिल्ली, पीटीआइ। ई-सिगरेट और उससे जुड़े हिस्सों (जैसे-रिफिल पॉड और ई-हुक्का) के आयात पर रोक लगा दी गई है है। वाणिज्य मंत्रालय ने गुरुवार को यह बात कही। मंत्रालय के मुताबिक, यह अधिसूचना सरकार के इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेट (उत्‍पादन, विनिर्माण, आयात, निर्यात, परिवहन, बिक्री, वितरण, भंडारण और विज्ञापन) निषेध अध्‍यादेश 2019 के अनुपालन के लिए जारी की गई है।

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विदेश व्यापार महानिदेशालय ने अधिसूचना में कहा, 'इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट या उसके किसी भी हिस्से या घटक जैसे रिफिल पॉड्स, एटोमाइजर्स, कार्टेज समेत सभी इलेक्‍ट्रॉनिक निकोटिन डिलिवरी सिस्‍टम, जलाने नहीं, गर्म होने वाले (हिट नॉट बर्न) उत्‍पाद, ई-हुक्‍का और अन्य उपकरणों के आयात पर रोक लगाई गई है।'

बता दें कि भारत ने 2018-19 में 9.12 करोड़ डॉलर का ई-सिगरेट उत्पाद का आयात किया था। चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-जुलाई के दौरान 5.8 करोड़ डॉलर का आयात हुआ।

गौरतलब है कि सरकार ने पिछले हफ्ते अध्यादेश जारी किया था, जिसके तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, निर्यात और बिक्री, वितरण अथवा विज्ञापन को अपराध माना जाएगा। पहली बार अपराध के मामले में एक वर्ष तक कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना।

अगली बार अपराध के लिए तीन वर्ष तक कैद और पांच लाख रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों लगाया जा सकता है। इलेक्‍ट्रॉनिक सिगरेटों के भंडारण के लिए भी छह माह तक कैद अथवा 50 हजार रुपये तक जुर्माना अथवा दोनों दंड दिए जा सकते हैं।

क्‍या है ई सिगरेट

ई-सिगरेट को आमतौर पर धूम्रपान के विकल्प के रूप में लिया जाता रहा है। हाल ही में कुछ ऐसी रिसर्च सामने आई हैं जिनके मुताबिक इसका सेवन अस्थमा समेत कई दूसरी बीमारियों की वजह बन सकता है। इसमें प्रयुक्त केमिकल जानलेवा हैं, इसके दुष्प्रभावों से पॉपकॉन लंग्स एवं लंग्स कैंसर का खतरा तेजी से बढ़ रहा है।


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