Gold Hallmarking को मंजूरी, डब्ल्यूटीओ को सूचित करने के बाद हो जाएगा लागू
Gold Hallmarking भारत गोल्ड का सबसे बड़ा आयातक है। मात्रा के तौर पर देखें तो देश प्रतिवर्ष 700-800 टन सोने का आयात करता है।
नई दिल्ली पीटीआइ। वाणिज्य मंत्रालय ने सोने के आभूषणों के लिए बीआईएस हॉलमार्किंग को अनिवार्य बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, लेकिन इसे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) को सूचित करने के बाद लागू किया जा सकता है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। विश्व व्यापार संगठन के वैश्विक व्यापार नियमों के अनुसार, एक सदस्य देश को जिनेवा-आधारित निकाय के साथ गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के बारे में बताना होता है और इस प्रक्रिया में लगभग दो महीने का समय लगता है। बता दें कि गोल्ड हॉलमार्किंग कीमती धातु के शुद्धता का प्रमाण है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), के पास हॉलमार्किंग का अधिकार है। हॉलमार्किंग गोल्ड ज्वैलरी के लिए तीन ग्रेड तय किए गए हैं, 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट। पासवान ने कहा, 'मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वाणिज्य विभाग ने 1 अक्टूबर को प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अब डब्ल्यूटीओ की ओर से इसे लागू करने को लेकर तकनीकी समस्या है।'
इस मसले पर उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव ने कहा कि विश्व व्यापार संगठन के सदस्य देशों को WTO को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के बारे में बताने के लिए दो महीने का समय दिया जाना चाहिए। जो देश निर्यात करते हैं उन्हें गुणवत्ता नियंत्रण आदेश में गोल्ड के लिए बने बीआईएस गुणवत्ता मानदंडों का पालन करना होगा। भारत 1995 से विश्व व्यापार संगठन से जुड़ा है। मौजूदा समय में देश भर में लगभग 800 हॉलमार्किंग केंद्र हैं और केवल 40 फीसद आभूषणों की ही पहचान हो पाती है। उल्लेखनीय है कि भारत गोल्ड का सबसे बड़ा आयातक है। मात्रा के तौर पर देखें तो देश प्रतिवर्ष 700-800 टन सोने का आयात करता है।
उधर, शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने का भाव 210 रुपये की तेजी के साथ 39,075 रुपये प्रति दस ग्राम हो गया। जबकि चांदी की कीमतें 110 रुपये टूटकर 46,490 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में 0.25 फीसद की कटौती के बाद अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया दस पैसे कमजोर हो गया।