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जून में कोयला आयात 50 फीसद बढ़कर 1.87 करोड़ टन पर पहुंचा

पिछले दो वर्षों के दौरान बिजली प्लांट में कोयले की आपूर्ति सुधरने की जो उम्मीद बंधी थी वह फिर हवा हो गई है। देश के 69 ताप बिजलीघर (कुल उत्पादन क्षमता 88887 मेगावाट ) कोयले की कमी से जूझ रहे हैं।

By NiteshEdited By: Published: Mon, 30 Aug 2021 07:59 AM (IST)Updated: Mon, 30 Aug 2021 07:59 AM (IST)
जून में कोयला आयात 50 फीसद बढ़कर 1.87 करोड़ टन पर पहुंचा
जून में कोयला आयात 50 फीसद बढ़कर 1.87 करोड़ टन पर पहुंचा

नई दिल्ली, पीटीआइ। देश का कोयला आयात इस साल जून में 50 फीसद बढ़कर 1.87 करोड़ टन पर पहुंच गया। पिछले साल जून में भारत का कोयला आयात 1.25 करोड़ टन रहा था। एमजंक्शन सर्विसेज के आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है। एमजंक्शन टाटा स्टील और सेल का संयुक्त उद्यम है। यह एक बी2बी ई-कॉमर्स कंपनी है जो कोयले पर शोध रपट भी प्रकाशित करती है। एमजंक्शन सर्विसेज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विनय वर्मा ने कहा, जून में कोयले के आयात में उम्मीद के अनुरूप मामूली गिरावट आई।

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यह रुख मानसून के दौरान जारी रहने की संभावना है, क्योंकि कीमतें कई साल के उच्चस्तर पर बनी हुई हैं। जून में कुल कोयला आयात में नान-कोकिंग कोल का हिस्सा 1.30 करोड़ टन रहा। पिछले साल जून में यह आंकड़ा 82.8 लाख टन रहा था। वहीं इस दौरान कोकिंग कोयले का आयात 24.6 लाख टन से बढ़कर 40.6 लाख टन पर पहुंच गया।

बिजली क्षेत्र में नहीं दूर हो पाई कोयले की किल्लत, सिर्फ सात दिनों का रख सकेंगे स्टॉक

पिछले दो वर्षों के दौरान बिजली प्लांट में कोयले की आपूर्ति सुधरने की जो उम्मीद बंधी थी वह फिर हवा हो गई है। देश के 69 ताप बिजलीघर (कुल उत्पादन क्षमता 88,887 मेगावाट ) कोयले की कमी से जूझ रहे हैं। छह प्लांट तो ऐसे हैं जहां कोयले का स्टाक लगभग खत्म होने वाला है। हालात की गंभीरता को बिजली मंत्रालय भी भांप चुका है।

बिजली की बढ़ती मांग कोयला कमी की प्रमुख वजह

पिछले दो महीनों के दौरान कोयले की किल्लत की वजह यह भी बताई जा रही है कि बिजली की मांग में वृद्दि के मद्देनजर ज्यादा उत्पादन होने लगा है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद इकोनोमी जैसे-जैसे खुलने लगी है वैसे वैसे मांग बढ़ने लगी है।

अभी बिजली की औसत मांग 1,92,000 मेगावाट से 1,93,000 मेगावाट के बीच है। अब देखना होगा कि सरकार के स्तर पर इन कवायदों का असर कोयला आपूर्ति पर दिखाई देता है या नहीं। आम तौर पर सितंबर महीने में बिजली की मांग ज्यादा होती है। ऐसे में कोयले की आपूर्ति की स्थिति भी हफ्ते भर में सुधारनी होगी।


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