नोटबंदी के आंकड़े न देने पर RBI की खिंचाई
सूचना का अधिकार (आरटीआइ) आवेदन में आरबीआइ बोर्ड की उन बैठकों के रिकॉर्ड मांगे थे, जिनमें नोटबंदी के मुद्दों पर विचार किया गया था।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्रीय सूचना आयोग (सीआइसी) ने एक आरटीआइ आवेदन पर लापरवाही भरा रवैया अपनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) की खिंचाई की और उसके केंद्रीय लोक सूचना अधिकारी (सीपीआइओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया। सीपीआइओ को अगली सुनवाई में यह जवाब देने के लिए कहा गया है कि उन पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाए। सूचना का अधिकार (आरटीआइ) आवेदन में आरबीआइ बोर्ड की उन बैठकों के रिकॉर्ड मांगे थे, जिनमें नोटबंदी के मुद्दों पर विचार किया गया था।
कार्यकर्ता वेंकटेश नायक ने आरबीआइ के केंद्रीय निदेशक मंडल की उन सभी बैठकों के रिकॉर्ड और उन बैठकों में प्रस्तुत पेपर्स, प्रजेंटेशंस या अन्य डॉक्यूमेंट्स मांगे थे, जिनके आधार पर प्रधानमंत्री ने आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी के फैसले की घोषणा की थी।
आरबीआइ ने एक्जेंप्शन क्लाउज का हवाला देते हुए इस तरह के रिकॉर्ड देने से मना कर दिया था। इसके बाद वेंकटेश ने सूचना आयोग में याचिका दाखिल की। सूचना आयुक्त सुरेश चंद्र से कहा कि मांगी गई सूचना आरटीआइ अधिनियम की धारा 8(एक)(ए) के तहत एक्जेंप्टेड नहीं है। आरटीआइ आवेदन दाखिल किए जाने के करीब 15 महीने बाद हुई सुनवाई में आरबीआइ के प्रतिनिधि ने माना कि पहली नजर में सूचना नहीं दिया जाना गलत था।