अमेरिका के साथ चीन का ट्रेड सरप्लस रिकॉर्ड पर
चीन के साथ कारोबार में अमेरिका का व्यापार घाटा और बढ़ने से ट्रंप के लिए मुश्किल हो सकती है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। चीन के आयात पर अमेरिका द्वारा शुल्क लगाए जाने के बावजूद उसका ट्रेड सरप्लस कम होने का नाम नहीं ले रहा है। अमेरिका के साथ चीन का ट्रेड सरप्लस 35.6 अरब डॉलर के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। बीते माह में चीन का निर्यात पूरे प्रशांत क्षेत्र में मजबूत रहा जबकि आयात सुस्त रहा। आयात के मुकाबले निर्यात ज्यादा रहने से उसका ट्रेड सरप्लस बढ़ गया।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच ट्रेड वार खत्म करने के लिए सहमति बनने के बावजूद दुनिया की इन दोनों शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच तनाव बना हुआ है। ट्रंप और उनके प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है कि चीन बड़ी मात्रा में अमेरिकी वस्तुओं की खरीद शुरू करेगा। लेकिन बीजिंग ने इन दावों की पुष्टि नहीं की। दोनों देशों के बीच वस्तुओं के व्यापार में एकतरफा बढ़ोतरी होने से 90 दिनों में कारोबारी समझौते के लिए बातचीत पटरी से उतरने का खतरा बढ़ गया है।
चीन के साथ कारोबार में अमेरिका का व्यापार घाटा और बढ़ने से ट्रंप के लिए मुश्किल हो सकती है। वह इस घाटे को पाटने के लिए लगातार अभियान चला रहे हैं। लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं दिख रहा है। चीन के कस्टम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक नवंबर में चीन का अमेरिका को निर्यात 9.8 फीसद बढ़ गया जबकि अमेरिका से आयात 25 फीसद घट गया।
कारोबारी तनाव से अमेरिकी किसानों पर खासतौर पर असर पड़ रहा है। ट्रंप ने बीते सप्ताह ट्वीट किया था कि चीन अमेरिकी किसानों से उत्पादन खरीदना तुरंत शुरू करेगा। आमतौर पर चीन के खरीदार वर्ष के आखिरी महीनों में अमेरिकी सोयाबीन खरीदते हैं क्योंकि इन महीनों में अमेरिका की फसल बाजार में पहुंचती है जबकि प्रतिस्पर्धी ब्राजील की सप्लाई घट जाती है। लेकिन आंकड़े बताते हैं कि नवंबर में चीन का सोयाबीन आयात पिछले साल के मुकाबले 38 फीसद घटकर 54 लाख टन रह गया। अमेरिका के साथ चीन का ट्रेड सरप्लस जनवरी से नवंबर के दौरान बढ़कर 293.5 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल समान अवधि में 251.3 अरब डॉलर था।
सभी देशों के साथ कारोबार में भी बढ़ा सरप्लस: सभी देशों के साथ चीन का कुल ट्रेड सरप्लस 44.7 अरब डॉलर हो गया जबकि पिछले साल इस अवधि में 35 अरब डॉलर था। हालांकि चीन के निर्यात और आयात में वृद्धि दर अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में धीमी हो गई। उसके निर्यात की वृद्धि दर पिछले साल की 9.4 फीसद से घटकर 5.4 फीसद रह गई।