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भारत के स्टार्टअप में निवेश कर रहा है ड्रैगन, 10 माह में चीन ने निवेश किए 6000 करोड़

बीते कुछ वर्षों से चीन और जापान के कई निवेशकों ने भारतीय कंपनि‍यों में निवेश कि‍या है। मुख्य रूप से अबतक अलीबाबा और सॉफ्टबैक की ओर सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट आया है।

By Surbhi JainEdited By: Published: Wed, 02 Nov 2016 12:06 PM (IST)Updated: Wed, 02 Nov 2016 02:57 PM (IST)

नई दिल्ली: बीते कुछ वर्षों से चीन और जापान के कई निवेशकों ने भारतीय कंपनियों में भारी-भरकम निवेश किया है। मुख्य रूप से अबतक अलीबाबा और सॉफ्टबैक की ओर सबसे ज्यादा इन्वेस्टमेंट आया है। लेकिन पिछले दो वर्षों में बेनोस पार्टनर्स, रेबराइट वीसी, डिजिटल गारऐज, जीएमओ, टेनसेंट, सीट्रिप, हिलहाउस कैपिटल और शाओमी भी लगातार इंडियन स्टार्टअप्स में निवेश कर रहे हैं। आप को बात दें कि अकेले चीन की कंपनियों की ओर से 87 करोड़ डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया जा चुका है।

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चीन और जापान के साथ भारत की डील
वेंचर इंटेलिजेंस रिसर्च के डेटा के अनुसार, चीन के निवेशकों की ओर से वर्ष 2015 में की गई डील्स की संख्या छह थीं जो इस साल सितंबर महीने तक सात हो गईं। चीन के साथ इस वर्ष कुल सात डील्स हो चुकी हैं और अभी तीन महीने का समय बाकी है। वहीं, जापान के निवेशकों ने पिछले वर्ष 21 डील्स की थी और वह इस साल में अब तक 18 डील पूरी कर चुका है। वर्ष 2015 में चीन और जापान के निवेशकों की ओर से 28 निवेश किए गए हैं।

चाइनीज कंपनियां तेजी से बढ़ा रही हैं निवेश
भारत के स्टार्टअप्स में चीनी कंपनियां बड़े पैमाने में निवेश कर रही हैं। इस वर्ष सितंबर महीने तक चीन के निवेशकों की ओर से 87 करोड़ डॉलर का निवेश किया जा रहा है। हालांकि, डील्स और अमाउंट की संख्या में को-इन्वेस्टमेंट का हिस्सा भी शामिल है। इस वर्ष चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा की ओर से सबसे बड़ा निवेश किया गया है। अलीबाबा ने पेटीएम में 30 करोड़ डॉलर का निवेश किया है।

जापान की कंपनियों ने घटाया डील का साइज
जापान के निवेशकों ने वर्ष 2016 में औसत डील साइज को कम कर दिया है। वर्ष 2015 में जापान की ओर से रिकॉर्ड 187 करोड़ डॉलर का निवेश किया गया था। इस साल अब तक 13.8 करोड़ डॉलर का निवेश ही हुआ है।


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