नोटबंदी साल 2016 का सबसे बड़ा घोटाला: पी चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने नोटबंदी को साल 2016 का सबसे बड़ा स्कैम बताया है।
नई दिल्ली: नोटबंदी को साल 2016 का सबसे बड़ा स्कैम बताते हुए पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की ग्रोथ रेट 6 से 6.5 फीसद रह सकती है जो कि सीएसओ और आरबीआई की ओर से जारी किए गए अनुमानित आंकड़े से काफी कम है। उन्होंने कहा कि इसकी प्रमुख वजह नोटबंदी रही है। ध्यान दें कि केंद्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) ने वित्त वर्ष 2016-17 के लिए देश की ग्रोथ रेट 7.1 फीसद और आरबीआई ने 6.9 फीसद पर रहने का अनुमान लगाया था।
क्या कहा चिदंबरम ने:
एक समारोह में बोलते हुए चिदंबरम ने कहा, “मैं माफी चाहता हूं कि मैं वित्त वर्ष 2016-17 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 6 से 6.5 फीसद तक लगा रहा हूं, जो कि पिछले अनुमान से ठीक एक फीसद कम है। इसका सीधा मतलब यह हुआ कि जीडीपी को 1.5 लाख करोड़ का नुकसान हुआ। इस साल देश की जीडीपी 150 लाख करोड़ की रही है इसलिए जीडीपी को होने वाला नुकसान 1.5 लाख करोड़ का है।”
रघुराम राजन ने नोटबंदी के कारण RBI गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं किया: चिदंबरम
केंद्र सरकार के नोटबंदी के कारण ही रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं किया था। यह दावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने किया है। चिदंबरम का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के किसी व्यक्ति ने केंद्र सरकार को नोटबंदी के विरोध में एक पांच पेज का पत्र ठीक उसी दिन भेजा था, जिस दिन रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद छोड़ा था।
साथ ही, केंद्र सरकार से चिदंबरम ने कहा है कि उस पत्र को सार्वजनिक किया जाए। यह बात चिंदबरम ने अपनी किताब फियरलेस इन ऑपोजिशन, पावर एंड अकाउंटबिलिटी के लॉन्चिंग के मौके पर कही है। उन्होंने कहा है कि अगर केंद्र सरकार पारदर्शी है तो उस पत्र को सार्वजनिक किया जाए। यह पत्र सरकार को आरबीआई की ओर से लिखा गया था। इसमें 500 और 1000 रुपये के बड़े नोट बंद किए जाने का विरोध किया गया था।