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रघुराम राजन ने नोटबंदी के कारण RBI गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं किया: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने बताया कि रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार क्यों नहीं किया था।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sat, 11 Feb 2017 11:10 PM (IST)Updated: Sat, 11 Feb 2017 11:13 PM (IST)
रघुराम राजन ने नोटबंदी के कारण RBI गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं किया: चिदंबरम
रघुराम राजन ने नोटबंदी के कारण RBI गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं किया: चिदंबरम

नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नोटबंदी के कारण ही रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार नहीं किया था। यह दावा पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने किया है। चिदंबरम का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के किसी व्यक्ति ने केंद्र सरकार को नोटबंदी के विरोध में एक पांच पेज का पत्र ठीक उसी दिन भेजा था, जिस दिन रघुराम राजन ने केंद्रीय बैंक के गवर्नर का पद छोड़ा था।

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साथ ही, केंद्र सरकार से चिदंबरम ने कहा है कि उस पत्र को सार्वजनिक किया जाए। यह बात चिंदबरम ने अपनी किताब फियरलेस इन ऑपोजिशन, पावर एंड अकाउंटबिलिटी के लॉन्चिंग के मौके पर कही है। उन्होंने कहा है कि अगर केंद्र सरकार पारदर्शी है तो उस पत्र को सार्वजनिक किया जाए। यह पत्र सरकार को आरबीआई की ओर से लिखा गया था। इसमें 500 और 1000 रुपये के बड़े नोट बंद किए जाने का विरोध किया गया था।

साथ ही चिदंबरम ने दावा किया है कि केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले की वजह से ही रघुराम राजन ने भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर का दूसरा कार्यकाल स्वीकार करने से मना कर दिया था। चिदबंरम ने भी कहा है कि सरकार ने राजन के लिए गवर्नर बने रहना बेहद मुश्किल कर दिया था और इसी वजह से ऐसा लगता है कि उन्होंने गवर्नर पद छोड़ने का फैसला लिया। सरकार नोटबंदी का निर्णय लेना चाहती थी और रघुराम राजन इसका विरोध कर रहे थे।


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