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कोरोनोवायरस अफवाह से चिकन की बिक्री में 50% की गिरावट, कीमतें 70% तक गिरीं

अफवाह का असर इतना गंभीर हुआ है कि घरेलू बाजार में चिकेन की खपत 50 फीसद तक घट गई है जिसके चलते कीमतें 70 फीसद तक घट गई हैं।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:27 PM (IST)Updated: Fri, 28 Feb 2020 08:05 AM (IST)
कोरोनोवायरस अफवाह से चिकन की बिक्री में 50% की गिरावट, कीमतें 70% तक गिरीं
कोरोनोवायरस अफवाह से चिकन की बिक्री में 50% की गिरावट, कीमतें 70% तक गिरीं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का प्रकोप भले न हुआ हो, लेकिन चिकेन उद्योग की हालत पतली हो गई है। अफवाह का असर इतना गंभीर हुआ है कि घरेलू बाजार में चिकेन की खपत 50 फीसद तक घट गई है, जिसके चलते कीमतें 70 फीसद तक घट गई हैं। गोदरेज एग्रोवेट के प्रबंध निदेशक बीएस यादव ने कहा 'उनकी पोल्ट्री विंग गोदरेज टायसन फूड्स की बिक्री बुरी तरह टूट गई है। उनकी बिक्री में 40 फीसद तक की गिरावट दर्ज की गई है। यादव बृहस्पतिवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

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पॉल्ट्री उद्योग के समक्ष पैदा हुई चुनौतियों से निपटने को लेकर पूछे सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अफवाहें जितनी तेजी से फैलती हैं, उसी तरह खत्म भी होती हैं। उद्योग को उम्मीद है कि अगले दो महीने में कीमतें तेजी से ऊपर जाएंगी। सरकार ने इस बारे में एडवाजरी जारी कर बताया है कि कोरोना वायरस का चिकेन से कोई संबंध नहीं है। इसलिए इस बारे में अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सरकार कड़ी कार्रवाई कर सकती है। चिकेन खाना सुरक्षित है, लेकिन अफवाह ने पिछले एक महीने के भीतर पॉल्ट्री उद्योग को बड़ा धक्का दिया है।

लोगों ने चिकेन खाने से दूरी बना ली है, जिससे कीमतें 70 फीसद तक घट गई हैं। चिकेन बिक्री के आंकड़े देते हुए उन्होंने बताया कि देश में हर सप्ताह 7.5 करोड़ चिकेन (मुर्गे) बिकते हैं, जो अब घटकर 3.5 करोड़ रह गये हैं। पिछले महीने चिकेन का थोक मूल्य एक सौ रुपये किलो था, जो अब घटकर 35 रुपये तक आ गया है। जबकि चिकेन की प्रति किलो उत्पादन लागत 75 रुपये आती है।

यादव ने बताया कि सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस की फैली अफवाह ने घरेलू पॉल्ट्री उद्योग की ऐसी तैसी कर रखी है। यादव ने भारत में चिकेन की प्रति व्यक्ति खपत 4.5 किलोग्राम है, जबकि वैश्विक खपत 11 किलो है। हालांकि तमिलनाडु में प्रति व्यक्ति चिकेन की खपत 13 किलोग्राम है। जबकि राजस्थान व मध्य प्रदेश में सबसे कम खपत होती है। गोदरेज टायसन फूड्स कंपनी देश की सबसे बड़ी फ्रेश व फ्रोजन चिकेन उत्पादक कंपनी है।


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