गैस पाइपलाइन नेटवर्क के लिए 70,000 करोड़ खर्च करेगी सरकार, म्यांमार तक होगा विस्तार
पहले चरण में 1700 किलोमीटर पाइपलाइन नेटवर्क बनाने के लिए लगभग 4,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि सरकार देशभर में गैस पाइपलाइन नेटवर्क के प्रसार के लिए शुरुआत में 70,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के जरिए म्यांमार तक गैस नेटवर्क के विस्तार के लिए योजना तैयार की जा रही है।
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा कि ऐसी व्यवस्था में प्राकृतिक गैस को देश के कोने-कोने तक पहुंचाने के लिए पाइपलाइन का विशाल नेटवर्क तैयार किए जाने की जरूरत है।
एक राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधान ने कहा, "देश में गैस पाइपलाइन नेटवर्क के विस्तार के लिए पहले चरण में 70,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।" प्रधान ने कहा कि भारत गैस पाइपलाइन नेटवर्क का विस्तार बांग्लादेश के रास्ते म्यांमार तक करने की योजना बना रहा है।
उन्होंने कहा,“इस कार्यक्रम के तहत पड़ोसी देश की जरूरत के हिसाब से धामरा से बांग्लादेश और सिलिगुड़ी से बांग्लादेश तक एलएनजी गैस के निर्यात के लिए पाइपलाइन का निर्माण प्रस्तावित है।" ओडिशा के बारे में प्रधान ने कहा कि प्रदीप, धामरा और गोपालपुर से प्राकृतिक गैस के परिवहन, शोधन और भंडारण के लिए राज्य में बहुत बड़े आधारभूत ढांचे की जरूरत है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार ओडिशा में बंदरगाह आधारित उद्योगों और प्राकृतिक बंदरगाहों वाले अन्य तटीय राज्यों में भी बढ़ावा देने पर विचार कर रहा है।
ओडिशा समेत भारत के पूर्वी हिस्से को पश्चिमी क्षेत्र के बराबर पहुंचने के लिए दो अंकों की वृद्धि दर की जरूरत है। ओडिशा में, पहले चरण में 1700 किलोमीटर पाइपलाइन नेटवर्क बनाने के लिए लगभग 4,500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के बाद चंडीखोल में एक तेल रिजर्व परियोजना भी शुरू की जाएगी। पेट्रोलियम मंत्री ने घोषणा की कि पारादीप रिफाइनरी से पॉलीप्रोपाइलीन का व्यावसायिक उत्पादन इस महीने शुरू होगा।