Move to Jagran APP

अफोर्डेबल हाउसिंग की नीति से बढ़ेगी सीमेंट उद्योग की रफ्तार

जेके सीमेंट के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक यदुपति सिंघानिया का मानना है कि अफोर्डेबल हाउसिंग की नीति से सीमेंट उद्योग की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 19 Mar 2018 10:57 AM (IST)Updated: Mon, 19 Mar 2018 10:57 AM (IST)
अफोर्डेबल हाउसिंग की नीति से बढ़ेगी सीमेंट उद्योग की रफ्तार

नई दिल्ली (नितिन प्रधान)। बजट के बाद सीमेंट उद्योग इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सरकार की ओर से बड़े निवेश की उम्मीद कर रहा है। ऐसे में सीमेंट उद्योग की रफ्तार क्या रहेगी? क्या सीमेंट की कीमतें बढ़ेंगी? इन मुद्दों पर जेके सीमेंट के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक यदुपति सिंघानिया का मानना है कि अफोर्डेबल हाउसिंग की नीति से सीमेंट उद्योग की रफ्तार बढ़ने की उम्मीद है।

loksabha election banner

बजट घोषणाओं को संदर्भ में रखते हुए सीमेंट उद्योग का कैसा भविष्य देखते हैं आप?

वित्त मंत्री ने इस साल बजट में इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में रुचि दिखाई है। 2019 के लिए 5.97 लाख करोड़ का सपोर्ट इस क्षेत्र और सीमेंट जैसे पूरक उद्योगों के लिए बड़ा सकारात्मक कदम होगा। भारतमाला प्रोजेक्ट पर सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत होते हुए देखना अच्छा लगता है। वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2019 तक 9,000 किमी हाईवे निर्माण का वादा किया है। इससे अगले वित्त वर्ष में सीमेंट की मांग में भारी तेजी आएगी।

सरकार का फोकस ‘सभी के लिए आवास’ पर है। इसे बढ़ावा देना सीमेंट मांग में क्या विकास का प्रमुख संचालक होगा?

हां, 2022 तक ‘सभी के लिए आवास’ का सरकार का विजन देश में सीमेंट की मांग बढ़ाएगा। अफोर्डेबल हाउसिंग फंड बजट में एक महत्वपूर्ण घोषणा है। यह सराहनीय कदम शहरी और ग्रामीण उपनगरों में कंस्ट्रक्शन विकास को तेजी देगा। आवासीय सेक्टर से इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र को बल मिलेगा, जो सीमेंट मांग में 65 फीसद योगदान करता है।

देश के विकास के इस एजेंडे में जेके सीमेंट की क्या भूमिका रहेगी? कंपनी अपने राजस्व को किस तरह आंक रही है?

अक्टूबर, 2016 से सितंबर, 2017 के बीच हमारा राजस्व 3,848.6 करोड़ रुपये रहा है और इसमें पिछले तीन वर्षो में 10.6 फीसद की औसत वृद्धि दर्ज की गई है। इसी अवधि में, कर पश्चात लाभ 42.2 फीसद बढ़ा है। निवेशकों ने भी इस विकास को सम्मान दिया है। बीते एक वर्ष में इसका औसत बाजार पूंजीकरण 42 फीसद तक बढ़ा है। जैसे-जैसे बजट घोषणाओं पर अमल होगा, सीमेंट की मांग बढ़ेगी और उसका लाभ हमें मिलेगा।

आगामी वर्षो में ग्रे सीमेंट की मांग कैसी नजर आ रही है?

सरकार का बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट पर जोर है। ऐसे में ग्रे सीमेंट की मांग आने वाले वर्षो में बढ़ने की संभावना है। हम अगले पांच साल में उत्पादन क्षमता दोगुनी करने की योजना बना रहे हैं, जिससे ग्रे सीमेंट के लिए कुल स्थापित क्षमता तकरीबन 1.8 करोड़ टन प्रति वर्ष हो जाएगी।

रियल एस्टेट सेक्टर से कमजोर मांग के मद्देनजर पिछली तिमाही में उत्पादन में विकास को लेकर जेके सीमेंट का परिदृश्य क्या रहा? मांग में कब तेजी आएगी?

हमें उम्मीद है कि इन्फ्रा सेक्टर में अगली व आगामी तिमाहियों में विकास देखने को मिलेगा। कई बड़ी परियोजनाएं क्रियान्वयन के चरण में हैं। पारंपरिक रूप से चौथी तिमाही में मांग जोर पकड़ती है। कंपनी को वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में सात-आठ फीसद की दर से विकास की उम्मीद है। हम यह गति बरकरार रखेंगे। हमने उद्योग के विकास की तुलना में बेहतर प्रदर्शन का लक्ष्य तय किया है। राजस्थान व यूपी जैसे राज्यों में रेत खनन पर पाबंदी के बावजूद मांग में तेजी है। उत्तर भारत की कंपनियों के लिए दिसंबर 2017 अच्छा महीना रहा है। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही भी अच्छी रहने की संभावना है।

सीमेंट की कीमतों पर इस सबका क्या असर होगा?

उत्पाद की इनपुट लागत में यदि कोई भी बढ़ोतरी होती है तो उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है। अभी कीमतों में नरमी का ट्रेंड चल रहा है। इनपुट लागत में बढ़ोतरी के अनुसार कीमतें नहीं बढ़ रही हैं। हालांकि, यदि मांग में कोई सकारात्मक रुझान नजर आता है, तो हम सीमेंट की कीमतों में कुछ सुधार की उम्मीद कर सकते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.