Tata Group द्वारा Big Basket के अधिग्रहण का रास्ता साफ, प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने प्रस्तावित डील को दी मंजूरी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Tata Digital Limited द्वारा Supermarket Grocery Supplies Private Ltd (SGS) के 64.3 शेयर कैपिटल के अधिग्रण को अपनी मंजूरी दे दी है। SGS बिजनेस टू बिजनेस मार्केट में सक्रिय है और business.bigbasket.com के जरिए बिक्री करता है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) ने Tata Group द्वारा BigBasket में 64.3 फीसद हिस्सेदारी के अधिग्रहण के प्रस्ताव को अपनी मंजूरी दे दी है। इस डील से भारत में तेजी से आगे बढ़ते ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में टाटा समूह की उपस्थिति मजबूत हो जाएगी। टाटा समूह पहले से ही कई सेक्टर्स में है। इस डील के तहत Tata Digital Ltd (TDL), सुपरमार्केट ग्रॉसरी सप्लाइज प्राइवेट लिमिटेड (SGS) के 64.3 फीसद शेयर कैपिटल को खरीदेगा। साथ ही Innovative Retail Concepts Pvt Ltd पर SGS के पूर्ण नियंत्रण का भी अधिग्रहण करेगा।
Tata Digital Limited एक या ज्यादा चरण में प्राइमरी और सेकेंडरी एक्विजिशन के जरिए SGS के 64.3 फीसद शेयरों का अधिग्रहण कर सकता है। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी एक बयान में कहा गया है कि SGS एक अलग ट्रांजैक्शन के जरिए इनोवेटिव रिटेल कॉन्स्पेट्स प्राइवेट लिमिटेड का पूर्ण नियंत्रण हासिल कर सकता है।
SGS बिजनेस टू बिजनेस मार्केट में सक्रिय है और business.bigbasket.com के जरिए बिक्री करता है। इनोवेटिव रिटेल कॉन्स्पेट्स B2C बिजनेस में है और www.bigbasket.com एवं Big Basket मोबाइल ऐप के जरिए खुदरा ग्राहकों को ग्रॉसरी प्रोडक्ट्स बेचता है।
Tata Group लंबे समय से BigBasket को खरीदने की कोशिश में लगा था।
इस प्रस्तावित डील से चीन के अरबपति उद्योगपति जैक मा के नियंत्रण वाले अली बाबा और अन्य निवेशकों के इस कंपनी से निकलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
Tata Digital Limited, Tata Sons Pvt Ltd की पूर्ण स्वामित्व वाली अनुषंगी है। TDL आइडेंटिटी और एक्सेस मैनेजमेंट, लॉयलिटी प्रोग्राम्स, ऑफर्स और पेमेंट्स जैसी टेक्नोलॉजी सेवाओं उपलब्ध कराती है।
BigBasket की स्थापना 2011 में हुई थी। कंपनी भारत के 25 शहरों में परिचालन करती है। इसकी प्रतिस्पर्धा SoftBank समर्थित Grofers के साथ-साथ Amazon India और Flipkart से है।
उल्लेखनीय है कि एक निश्चित सीमा से ज्यादा राशि की डील के लिए CCI की मंजूरी आवश्यक होती है।