ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स ने लगाया सिम्भावली शुगर्स पर 200 करोड़ के लोन डिफॉल्ट का आरोप
बीते 10 दिनों में सीबीआइ ने बैंकों की शिकायत पर कुल 7 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। ज्यादातर मामले बैंकिंग धोखाधड़ी के हैं।
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पंजाब नेशनल बैंक के बाद अब ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। दिल्ली के डायमंड एक्सपोर्टर द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल पर फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के गलत इस्तेमाल से जुड़ा 390 करोड़ का मामला सामने आने के बाद ताजा मामला सिम्भावली शुगर्स लिमिटेड का है। कंपनी पर 200 करोड़ रुपए के डिफॉल्ट और धोखाधड़ी का आरोप है।
इस मामले में सीबीआई ने कंपनी के चेयरमैन, सीईओ और एमडी, सीएफओ और डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस मामले में कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने कुल 8 ठिकानों पर छापेमारे की है। इन 8 जगहों पर छापेमारी की गई है उनमें एक उत्तर प्रदेश के हापुड, एक नोएडा और 6 ठिकाने दिल्ली के हैं।
क्या है पूरा मामला
एफआइआर के मुताबिक बैंक ने ने 17 नवंबर 2017 को शिकायत दर्ज की थी। इसके मुताबिक बैंक ने कंपन को 2011 में 148.60 करोड़ का लोन दिया है। यह लोन रिजर्व बैंक की एक स्कीम के अंतर्गत दिया गया था। जिसमें 5762 गन्ने के किसानों को वित्तीय सहायता दी जानी थी। इस लोन की राशि को बैंक ने अपने निजी इस्तेमाल के लिए गलत ढंग से ट्रांस्फर कर लिया।
इस लोन खाते को बैंक ने आरबीआई से सामने 13 मई 2015 फ्रॉड खाते के तौर पर दर्ज कर दिया था। इसके बाद बैंक ने 28 जनवरी 2015 को 110 करोड़ रुपए का एक और कॉर्पोरेट लोन कंपनी को दिया, जो पिछले 97.85 करोड़ के लोन चुकाने के लिए दिया गया था। 30 जून 2016 को बैंक की ओर से कंपनी पर कुल 112.94 करोड़ रुपए की देनदारी दिखाई थी। कंपनी को दिया गया 110 करोड़ रुपए का लोन भी 29 नवंबर 2016 को एनपीए बन गया। इस तरह 110 करोड़ और 97.85 करोड़ के दोनो लोन कंपनी पर डिफॉल्ट हैं।
आपको बता दें कि बीते 10 दिनों में सीबीआइ ने बैंकों की शिकायत पर कुल 7 से ज्यादा मामले दर्ज किए हैं। शिकायत करने वाले बैंकों में एसबीआइ, पंजाब नेशनल बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और तेलांगना ग्रामीण बैंक हैं। दर्ज किये गए ज्यादातर मामले बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी के हैं।