माल्या और ललित मोदी को वापस लाने के प्रयासों में खर्च पैसों के खुलासे से सीबीआई का इनकार
साल 2016 में सीबीआई की ओर से लुक आउट सर्कुलर जारी किए जाने के बाद विजय माल्या देश छोड़कर लंदन भाग गए थे
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। सीबीआई ने उस आरटीआई का जवाब देने से इनकार कर दिया है जिसमें पूछा गया था कि ललित मोदी और शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत वापस लाने के लिए सरकार की ओर से कितना पैसा खर्च किया गया।
पुणे के एक कार्यकर्ता विहार ध्रुवे ने यह आरटीआई दायर की थी, जिसमें उन्होंने जांच एजेंसी (सीबीआई) से दिग्गज शराब कारोबारी विजय माल्या, जिनपर भारतीय बैंकों का 9,000 करोड़ रुपया बकाया है और मनी लॉन्ड्रिग के एक मामले का सामना कर रहे ललित मोदी (पूर्व आईपीएल कमिश्नर) को भारत वापस लाने के प्रयासों में किए गए खर्चे की डिटेल मांगी थी। विजय माल्या और ललित मोदी दोनों पर ही वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगा है।
साल 2016 में सीबीआई की ओर से लुक आउट सर्कुलर जारी किए जाने के बाद विजय माल्या देश छोड़कर लंदन भाग गए थे। एजेंसी तब से लेकर अब तक कई बार लंदन में अपनी टीम भेज चुकी है ताकि उनकी प्रत्यार्पण प्रक्रिया को वो पूरा कर सकें।
वित्त मंत्रालय की ओर से इस आरटीआई आवेदन को सीबीआई को भेजा गया था। इसके बाद एजेंसी ने इन मामलों की जांच के लिए इसे विशेष जांच दल को स्थानांतरित कर दिया। इस आरटीआई के जवाब में सीबीआई ने कहा है कि 2011 की एक सरकारी अधिसूचना के माध्यम से आरटीआई कानून के तहत कोई खुलासा करने से उसे छूट दी गई है। आरटीआई एक्ट की धारा 24 के मुताबिक कुछ संगठन पारदर्शिता कानून के तहत छूट के दायरे में आते हैं।