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जीटीएल ग्रुप ने नहीं चुकाया कर्ज, एनसीएलटी पहुंचा केनरा बैंक

केनरा बैंक ने टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म जीटीएल ग्रुप से कर्ज वसूली के लिए नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है।

By NiteshEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 12:14 PM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 12:14 PM (IST)
जीटीएल ग्रुप ने नहीं चुकाया कर्ज, एनसीएलटी पहुंचा केनरा बैंक

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। केनरा बैंक ने टेलीकॉम इन्फ्रास्ट्रक्चर फर्म जीटीएल ग्रुप से कर्ज वसूली के लिए नेशनल कंपनी लॉ टिब्यूनल (एनसीएलटी) का दरवाजा खटखटाया है। जीटीएल ग्रुप पर बैंक का 1,000 करोड़ रुपये का बकाया है। इसमें से 459 करोड़ रुपये का लोन जीटीएल ने डिफॉल्ट किया है। वहीं, जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर 541 करोड़ रुपये के कर्ज के समय से भुगतान में विफल रही है।

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शेयर बाजारों को दी गई जानकारी में कंपनियों ने बताया कि केनरा बैंक ने जीटीएल और जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू करने का आवेदन दिया है। जीटीएल का कहना है कि वह टेलीकॉम सेक्टर में आए कंसोलिडेशन की स्थिति की शिकार है। पिछले 12 महीने में एयरसेल, टाटा टेलीसर्विसेज और रिलायंस कम्युनिकेशंस जैसी तीन टेलीकॉम कंपनियां बंद हो गई हैं। सेक्टर में आए कंसोलिडेशन के चलते वोडाफोन और आइडिया को अपने कारोबार का विलय करके एक कंपनी बनानी पड़ी है। टेलीनॉर और भारती एयरटेल का भी विलय हो गया है।

जीटीएल का कहना है कि इन स्थितियों से पार पाना कंपनी के प्रबंधन के वश में नहीं था। इनके चलते कंपनी के परिचालन और संभावनाओं पर दुष्प्रभाव पड़ा। मार्च, 2018 के अंत में जीटीएल पर 6,502.44 करोड़ रुपये और जीटीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 4,956.4 करोड़ रुपये का कर्ज था।

वीडियोकॉन के लिए मंगाई गई बोली1कर्ज में डूबी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज के लिए दिवालिया प्रक्रिया के तहत रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने बोलियां आमंत्रित की हैं। एनसीएलटी की मुंबई बेंच के छह जून, 2018 के फैसले के अनुरूप वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआइएल) पर इन्सॉल्वेंसी एंड बैंक्रप्सी कोड (आइबीसी) के तहत कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजॉल्यूशन प्रोसेस (सीआइआरपी) की शुरुआत की गई है।

कंपनी पर करीब 20,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) अनुज जैन ने बताया कि वीआइएल समूह की 11 कंपनियों के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। चार अन्य इकाइयों को लेकर एनसीएलटी जल्द ही फैसला दे सकता है। 


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