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भारत-यूएस रिश्तों में व्यापार बन रहा है बड़ी बाधा

अमेरिका भारत के साथ व्यापारिक निवेश बढ़ाने के अवसर खोजने के लिए प्रतिबद्ध है और निश्चित तौर पर भारत से भी इसी तरह की उम्मीद करता है

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 18 Mar 2018 11:57 AM (IST)Updated: Sun, 18 Mar 2018 02:00 PM (IST)
भारत-यूएस रिश्तों में व्यापार बन रहा है बड़ी बाधा
भारत-यूएस रिश्तों में व्यापार बन रहा है बड़ी बाधा

नई दिल्ली (पीटीआई)। व्हाइट हाउस का मानना है कि भारत के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए) के संबंध बहुत मधुर हैं और वह दोनों देशों के बीच मुक्त, यथोचित, और परस्पर बराबरी वाले कारोबारी रिश्तों का हिमायती है। हालांकि व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस मधुर संबंध की राह में व्यापारिक रिश्तों में तनाव सबसे बड़ी बाधा है।

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व्हाइट हाउस के यह अधिकारी भारत समेत दक्षिण एशिया में अमेरिका के रिश्तों के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा कर रहे थे। नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर भारत-अमेरिकी रिश्तों के बारे में उन्होंने कहा, ‘दोनों तरफ रिश्तों के लिए प्रतिबद्धता बेहद मजबूत है। लेकिन अगर इस रिश्ते का कोई ऐसा हिस्सा खोजना चाहें जहां सबसे ज्यादा तनाव है, तो वह हिस्सा निश्चित तौर पर व्यापार से जुड़ा हुआ है।’ गौरतलब है कि अधिकारी का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पिछले दिनों अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कम से कम तीन मौकों पर भारत द्वारा अमेरिकी मोटरसाइकिलों पर भारी आयात शुल्क लगाने की आलोचना की है।

अधिकारी ने कहा कि भारत के साथ कारोबार में कारोबारी घाटे को लेकर चिंता जाहिर की जाती रही है। लेकिन भारत द्वारा ऊर्जा आयात बढ़ाने से यह कारोबारी घाटा थोड़ा कम हुआ है। गौरतलब है कि भारत का अमेरिका से आयात कम और निर्यात ज्यादा है। उन्होंने कहा, ‘ट्रंप प्रशासन मुक्त, यथोचित और परस्पर कारोबारी रिश्तों का हिमायती है। इसलिए वह हार्ले डेविडसन जैसे उत्पादों पर शुल्क घटता देखना चाहता है, क्योंकि भारतीय मोटरसाइकिलों के लिए अमेरिका में कोई आयात शुल्क नहीं है। अमेरिका भारत के साथ व्यापारिक निवेश बढ़ाने के अवसर खोजने के लिए प्रतिबद्ध है और निश्चित तौर पर भारत से भी इसी तरह की उम्मीद करता है।’

पिछले हफ्ते विदेश सचिव विजय गोखले वाशिंगटन डीसी में थे, जहां उन्होंने अमेरिकी कारोबार प्रतिनिधि रॉबर्ट लाइटहाइजर से मुलाकात की। वैसे, अधिकारी के मुताबिक दोनों देशों के विदेश और वित्त मंत्रियों की आगामी बैठक में कारोबार पर बातचीत होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच कारोबारी मोर्चे पर बातचीत पहले की तरह सतत चलती रहेगी।


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