ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन हुई 65 हजार करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा
एडवांटेज असम नाम से हो रही समिट के प्रवक्ता के अनुसार सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी ने ही 13 हजार करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई है
नई दिल्ली (पीटीआई)। असम में पहली बार हो रहे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के पहले दिन ही 65,186 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की गई। इसके लिए कई क्षेत्रों में 176 समझौते किए गए।
एडवांटेज असम नाम से हो रही समिट के प्रवक्ता के अनुसार सरकारी तेल कंपनी ओएनजीसी ने ही 13 हजार करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। दूसरी सरकारी तेल कंपनी ऑयल इंडिया लिमिटेड ने 10 हजार करोड़ रुपये निवेश की मंशा जताई है। कंपनी के सीएमडी उत्पल बोरा ने कहा कि कंपनी ने असम पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड और असम सरकार के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। दो अन्य सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन और नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड ने क्रमश: 3432 करोड़ और 3410 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है।
निजी क्षेत्र से रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रमुख मुकेश अंबानी ने 2500 करोड़ रुपये असम में निवेश की मंशा जताई है। रिलायंस रिटेल, पेट्रोलियम, टेलीकॉम और पर्यटन में निवेश करेगी। इससे अगले तीन वर्षो में राज्य में कम से कम 80 हजार रोजगार पैदा होंगे।
ब्रह्मपुत्र नदी में सी-प्लेन चलाने पर विचार: सस्ती उड़ानें संचालित करने वाली एयरलाइन स्पाइसजेट ने कहा है कि वह ब्रह्मपुत्र नदी में सी-प्लेन का संचालन शुरू करने की संभावनाएं तलाश रही है। एयरलाइन के प्रमुख चेयरमैन अजय सिंह ने समिट में कहा कि अगर ब्रह्मपुत्र नदी में सी-प्लेन का संचालन की संभावना बनती है तो यह दुनिया का बड़ा वाटरवेज होगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन, एडवेंचर ट्रैवल और आम लोगों के लिए परिवहन की सुविधा के लिहाज से यहां सी-प्लेन की काफी संभावनाएं हैं। लेकिन उन्होंने इसके लिए कंपनी की योजना का विवरण नहीं दिया है।
असम में बिछेगी गैस पाइपलाइन: सार्वजनिक क्षेत्र की पांच तेल व गैस कंपनियां 1500 किलोमीटर लंबी गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए संयुक्त कंपनी का गठन करेंगी। इस परियोजना पर 6000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। समिट में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बताया कि यह पाइपलाइन गुवाहाटी से नुमालीगढ़ होते हुए तिनसुकिया तक बिछाई जाएगी। इससे पूवरेत्तर राज्यों को गैस की सप्लाई सुचारु हो सकेगी। गैस पाइपलाइन बिछने के बाद असम के अलावा अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा को फायदा मिलेगा।