Move to Jagran APP

भिलाई इस्पात संयंत्र को हादसों से लगी 200 करोड़ की चपत: चेयरमैन

चौधरी ने कहा कि 2018 के बीएसपी गैस हादसे से नहीं सीखा जा रहा है। नियमित कर्मचारियों को जोखिम वाले कामों के लिए ट्रेंड किया जाता है। लेकिन वे जोखिम वाले काम नहीं करते।

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 12:23 PM (IST)
भिलाई इस्पात संयंत्र को हादसों से लगी 200 करोड़ की चपत: चेयरमैन
भिलाई इस्पात संयंत्र को हादसों से लगी 200 करोड़ की चपत: चेयरमैन

भिलाई, बिजनेस डेस्क। भिलाई इस्पात संयंत्र (बीएसपी) सहित सेल इकाइयों में ठेका मजदूरों की मौत का राज खुद सेल चेयरमैन ने खोल दिया है। दो साल तक लंबी ट्रेनिंग लेने वाले नियमित कर्मचारियों से खतरनाक काम कराने के बजाय ठेका मजदूरों को आगे किया जा रहा है। इस वजह से हादसों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। इससे सेल को 200 करोड़ रुपये का इक्यूपमेंट और प्रोडक्शन लॉस हुआ है। वार्षिक रिपोर्ट पेश करते हुए सेल चेयरमैन अनिल कुमार चौधरी ने सभी इकाइयों को संबोधित किया।

loksabha election banner

चौधरी ने वीडियो संदेश जारी कर कहा कि 2018 के बीएसपी गैस हादसे से नहीं सीखा जा रहा है। नियमित कर्मचारियों को जोखिम वाले कामों के लिए ट्रेंड किया जाता है। लेकिन वे जोखिम वाले काम नहीं करते। ये काम ठेका मजदूरों पर डाले जा रहे हैं। यही कारण है कि ठेका मजदूरों से हादसे हो रहे हैं। इस साल भी हादसे हुए हैं। मौत भी हुई है। खराब रेंटिंग चिंता का विषय है। इन दुर्घटनाओं को रोकना होगा।

चौधरी ने कहा कि बोकारो और भिलाई में आग की घटनाएं हो रही हैं। महारत्न कंपनी के लिए यह अच्छा संकेत नहीं है। हालांकि कोई जान नहीं गई, लेकिन इसमे हमारा 200 करोड़ का इक्यूपमेंट लॉस और प्रोडक्शन लॉस हुआ। कर्मचारियों का मनोबल गिरता है। प्रोडक्शन लॉस ज्यादा हो रहा है। इन्हीं कारणों की वजह से वेतन समझौता नहीं हो पाया है।

सेल चेयरमैन के मुताबिक सेफ्टी के मुद्दे पर भी बहुत ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि रिस्क चैलेंज को 0.2 पर लाना हमारा लक्ष्य है, पर हम उसको अभी तक पा नहीं सके हैं। बोकारो में चार आग लगने की घटना हो गई है। प्रत्येक छह माह में आग लगना महारत्न कंपनी के लिए अच्छी बात नहीं है।

तीसरी तिमाही में दिखा सुधार

सेल चेयरमैन के संबोधन में यह बात स्पष्ट हो गई है कि तीसरी तिमाही में बेहतर नतीजे आने वाले हैं। उन्होंने कहा कि पहली तिमाही में उम्मीदों के मुताबिक लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए। बीएसपी और राउरकेला प्लांट ने निराश किया। लगातार 10 तिमाहियों में लाभ में रहने के बाद चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में घाटे में जाना चिंता का विषय है। उम्मीद है कि तीसरी तिमाही में प्रदर्शन अच्छा रहेगा। अक्टूबर से उत्पादन का ग्राफ बढ़ा है। स्टील के मांग में वृद्घि हुई है, पर उसका मूल्य नहीं मिल पा रहा है। आने वाला तीन महीना अच्छा साबित होगा। दिसंबर माह में 1.6 एमटी स्टील बिका। पिछले दिसंबर के मुकाबले 43 फीसद बिक्री अधिक है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.