सुनील मित्तल बोले, टेलीकॉम सेक्टर का सबसे बुरा दौर गुजरा, मुश्किलें खत्म करने के लिए सरकार के सहयोग की है जरूरत
मित्तल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र की वहनीयता बनाए रखने के लिए सेक्टर के विभिन्न शुल्कों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। टेलीकॉम सेक्टर अपने सबसे बुरे दौर से उबर गया है। हालांकि, अब भी मुश्किलें पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं। सरकार का सहयोग जरूरी है। भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में शेयरधारकों को दिए संदेश में यह बात कही। मित्तल ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र की वहनीयता बनाए रखने के लिए सेक्टर के विभिन्न शुल्कों को तर्कसंगत बनाने की जरूरत है। साथ ही, सरकार को सेक्टर के कामकाज पर बुरा असर डालने वाले लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवादों को बंद कर देना चाहिए।
मित्तल ने कहा, 'भारत में अब भी दुनिया का सबसे सस्ता डाटा दिया जा रहा है। सेक्टर बमुश्किल अपनी पूंजीगत लागत को वसूल पाता है। सेक्टर को गहरे वित्तीय नुकसान की भरपाई और टेलीकॉम ऑपरेटर्स को फ्यूचर टेक्नोलॉजी में निवेश करने लायक बनाने के लिए काफी सहयोग की जरूरत है।' मित्तल ने कहा कि हाल में टैरिफ बढ़ाने से बेशक उद्योग को कुछ सहारा मिला है लेकिन यह अब भी उद्योग की वहनीयता के लिहाज से काफी कम है।
उन्होंने सरकार से टेलीकॉम ऑपरेटर्स की अहम जरूरतों की तरफ ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। कोरोना महामारी के कारण उपजे संकट का जिक्र करते हुए मित्तल ने कहा कि टेलीकॉम और डिजिटल टेक्नोलॉजी ने लोगों की बड़ी मदद की है। टेलीकॉम सेक्टर असल में डिजिटल दुनिया के लिए ऑक्सीजन की तरह है। वार्षिक रिपोर्ट में कंपनी ने कहा कि वह लगातार अपने मौजूदा 4G बेस स्टेशनों को 5G क्षमता से लैस करने की दिशा में काम कर रही है। कंपनी ओईएम (ऑरिजनल इक्विपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स) और एप डेवलपर्स के साथ 5G ट्रायल की अवधारणा पर भी काम कर रही है।