BharatPe ने पूर्व संस्थापक के खिलाफ शुरू की बड़ी कार्रवाई, कई कर्मचारियों की कर दी छुट्टी
BharatPe ने वरिष्ठ प्रबंधन और कर्मचारियों के लिए एक नई आचार संहिता एक नई और व्यापक विक्रेता खरीद नीति फ्राड में शामिल विक्रेताओं को ब्लॉक करने और नियमित आंतरिक ऑडिट सहित कई बड़े उपायों की सिफारिश की है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। BharatPe ने मंगलवार को कहा कि उसने एक पूर्व फाउंडर के खिलाफ समीक्षा के बाद उसके प्रतिबंधित शेयरों को वापस लेने के लिए जरूरी कार्रवाई शुरू कर दी है। फर्म ने कहा कि वह कानून के तहत अपने अधिकार को लागू करने के लिए सभी कदम उठाएगी। जनवरी 2022 में BharatPe के बोर्ड ने कंपनी की कॉरपोरेट समीक्षा शुरू की थी।
कंपनी ने वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म Alvarez & Marsal (A&M) और भारत की प्रमुख कानूनी फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी (एसएएम) को हायर किया है। वे बोर्ड और प्रबंधन की मदद कर रही हैं। Alvarez & Marsal (A&M) टर्नअराउंड प्रबंधन और प्रदर्शन सुधार में अपने काम के लिए जानी जाती है। इसके साथ ही कंपनी बोर्ड ने एक प्रमुख परामर्श संस्था PwC को पूर्व संस्थापक द्वारा जानबूझकर की गई हरकत और घोर लापरवाही को तय करने के लिए नियुक्त किया था। बयान में कहा गया है कि पिछले दो महीनों में उपरोक्त रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा के बाद भारतपे के बोर्ड ने कई निर्णायक उपायों की सिफारिश की है जिन्हें लागू किया जा रहा है। इनमें वरिष्ठ प्रबंधन और कर्मचारियों के लिए एक नई आचार संहिता, एक नई और व्यापक वेंडर खरीद नीति, गलत आचरण में शामिल वेंडर को रोकना और नियमित आंतरिक ऑडिट शामिल हैं।"
BharatPe ने उन विभागों में कई कर्मचारियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी हैं, जो इन blocked vendors से सीधे जुड़े थे। अगर जरूरी हुआ तो कंपनी इनमें से कुछ कर्मचारियों के खिलाफ उनके द्वारा किए गए गलत काम और धोखाधड़ी के लिए आपराधिक मामले दर्ज करेगी। BharatPe ने कहा कि कंपनी ने वित्त वर्ष 22 की चौथी तिमाही में कुल राजस्व में 4 गुना वृद्धि के साथ सबसे मजबूत ग्रोथ दर्ज की है। कंपनी के मुताबिक अनुक्रमिक-तिमाही आधार पर COVID-19 की तीसरी लहर के बावजूद ग्रोथ 30 प्रतिशत रहा है। महीने-दर-महीने की तुलना में हमारे सभी मेट्रिक्स सबसे तेज गति से बढ़े हैं, यानी मर्चेंट टोटल पेमेंट वैल्यू, टीपीवी (17 प्रतिशत), उपभोक्ता टीपीवी (39 प्रतिशत), आरबीआई पंजीकृत एनबीएफसी (31 प्रतिशत) और राजस्व (21 प्रतिशत) रहा है।