MSME को अब तक 1.87 लाख करोड़ कर्ज आवंटन, पांच अक्टूबर तक 1,36,140 करोड़ रुपये वितरित
एक अन्य ट्वीट में वित्त मंत्री ने कहा कि 4197 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़ी 33 अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग (स्वामीह) योजना के तहत अंतिम मंजूरी दी गई है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। वित्त मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि एमएसएमई को बैंकों ने आपात कर्ज सुविधा गारंटी योजना (ईसीएलजीएस) के तहत 50.7 लाख कंपनियों को 1,87,579 करोड़ रुपये कर्ज आवंटित किए हैं। इसमें से पांच अक्टूबर तक 27 लाख एमएसएमई इकाइयों को कुल 1,36,140 करोड़ रुपये वितरित किए जा चुके हैं। इस योजना के तहत सरकार ने एमएसएमई को इस वर्ष 31 अक्टूबर तक तीन लाख करोड़ रुपये कर्ज वितरण का लक्ष्य रखा है। यह सरकार के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत घोषित 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के पैकेज का हिस्सा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मई में इस पैकेज की घोषणा की थी।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्विटर पर लिखा कि पांच अक्टूबर, 2020 तक ईसीएलजीएस के तहत सरकारी व निजी बैंकों और एनबीएफसी ने एमएसएमई और व्यक्तिगत स्तर पर 1,87,579 करोड़ रुपये कर्ज को मंजूरी दी है। इसमें से 1,36,140 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं। इस योजना के तहत सभी 12 सरकारी बैंक, निजी क्षेत्र के 24 बैंक और 31 एनबीएफसी कर्ज का वितरण कर रही हैं।
मंत्री के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) द्वारा पांच अक्टूबर तक मंजूर कर्ज की राशि बढ़कर 81,648.82 करोड़ रुपये पहुंच गई। इसमें से 68,814.43 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है। वहीं निजी क्षेत्रों के बैंकों ने 86,576 करोड़ रुपये कर्ज की मंजूरी दी है, जबकि 59,740 करोड़ रुपये कर्ज वितरण कर चुके हैं। एनबीएफसी ने इस दौरान 3,032 करोड़ रुपये की मंजूरी दी जबकि 2,227 करोड़ रुपये का वितरण किया जा चुका है।
33 हाउसिंग प्रोजेक्ट्स के लिए 4,197 करोड़ रुपये मंजूर
एक अन्य ट्वीट में वित्त मंत्री ने कहा कि 4,197 करोड़ रुपये के निवेश से जुड़ी 33 अटकी पड़ी आवासीय परियोजनाओं को स्पेशल विंडो फॉर अफोर्डेबल एंड मिड इनकम हाउसिंग (स्वामीह) योजना के तहत अंतिम मंजूरी दी गई है। इनमें 25,048 हाउसिंग यूनिट का निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक 12,079 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 123 परियोजनाओं को मंजूरी दी जा चुकी है। इससे 81,308 घर खरीदारों को राहत मिलेगी।