10 बैंकों के 4 बैंक में विलय का रास्ता साफ, कैबिनेट की मुहर
एक अप्रैल से होने वाले विलय के बाद पहले के मुकाबले 3000 अधिक ब्रांचों में बैंकिंग सेवा उपलब्ध होगी। बैंकों के विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ दो बैंकों के विलय के अच्छे परिणाम को देखते हुए सरकार ने आगामी एक अप्रैल से 10 और बैंकों के विलय का फैसला किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की बैठक में 10 बैंकों को 4 बैंक में विलय करने के फैसले पर मुहर लगा दी गई। पिछले साल 30 अगस्त को वित्त मंत्रालय की तरफ से इस विलय की घोषणा की गई थी।
कैबिनेट के फैसले के मुताबिक इस साल एक अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स एवं यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय होगा। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक के विलय का फैसला किया गया है। कैनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक तो इंडियन बैंक में इलाहाबाद बैंक का विलय होगा।वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक के विलय के पहले साल ही उपभोक्ताओं के हित में कई अच्छे परिणाम आए हैं।
उन्होंने बताया कि विलय से पहले खुदरा लोन की मंजूरी में औसतन 23 दिन लगते थे जो घटकर 11 दिन हो गए। 13 करोड़ ग्राहकों के लिए 13,000 एटीएम, 9400 ब्रांच में 85,000 कर्मचार अपनी सेवा दे रहे हैं। सीतारमण ने कहा कि एक अप्रैल से बैंकों के विलय से लोगों के लिए बैंकिंग सेवा की पहुंच आसान हो जाएगी और बैंकों की क्षमता बढ़ने से उनकी लोन देने की क्षमता में भी इजाफा होगा जिसका फायदा आम उपभोक्ताओं को होगा।
एक अप्रैल से होने वाले विलय के बाद पहले के मुकाबले 3000 अधिक ब्रांचों में बैंकिंग सेवा उपलब्ध होगी। बैंकों के विलय के बाद सरकारी बैंकों की संख्या 12 रह जाएगी। वर्ष 2017 में सरकारी बैंकों की संख्या 27 थी।