बैंक ऑफ महाराष्ट्र के MD गिरफ्तार, 3000 करोड़ रुपये के फेक लोन का है मामला
आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक एमडी के साथ ही अन्य अधिकारियों को भी अलग अलग जगह से गिरफ्तार किया है
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एमडी और सीईओ रवींद्र पी मराठे को 3,000 करोड़ रुपये के फर्जी लोन मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने पुणे के डीएसके ग्रुप को नियमों को ताक पर रखकर लोन दिया था।
आर्थिक अपराध शाखा ने रवींद्र मराठे के साथ ही बैंक के कार्यकारी निदेशक राजेंद्र गुप्ता और जोनल मैनेजर नित्यानंद देशपांडे को अहमदाबाद से और पूर्व सीएमडी सुशील मुहनोत को जयपुर से हिरासत में लिया है। बैंक ऑफ महाराष्ट्र 83 वर्ष पुराना सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक है।
पुलिस ने बताया कि इसके अलावा डीएस कुलकर्णी ग्रुप के दो अन्य अधिकारी चार्टेट अकाउंटेंट सुनील घाटपांडे और वीपी इंजीनियरिंग राजीव नेवास्कर को भी इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। मराठे को इस आरोप के आधार पर गिरफ्तार किया गया है कि उन्होंने अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए शेल कंपनियों को लोन आवंटित किया है।
जांचकर्ताओं के मुताबिक बैंक के कार्यकारी और अधिकारियों ने डीएसके समूह के सांठगांठ की थी ताकि लोन के नाम पर उसे पहले धन दिया जाए और बाद में उसे बेइमानी करके निकाल लिया जाए। सभी गिरफ्तार लोगों पर भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम एवं धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और ट्रस्ट के उल्लंघन से संबंधित अन्य कानूनों से जुड़े विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाया गया है।