Bank of India को अपने कारोबार में 10 से 12 फीसद वृद्धि की उम्मीद, बैंक ने बनाई ये योजना
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) को चालू वित्त वर्ष (2022-23) में कॉरपोरेट लोन की मांग में वृद्धि से कुल कर्ज या अग्रिम में 10-12 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। बैंक के अधिकारी ने विश्लेषक कॉल में इस बात की जानकारी दी। आइए इसे जरा विस्तार से समझते हैं।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि चालू वित्त वर्ष (2022-23) में कॉरपोरेट ऋण की मांग में वृद्धि से कुल कर्ज या अग्रिम में 10-12 प्रतिशत वृद्धि की उम्मीद है। बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने विश्लेषक कॉल में यह बात कही। बैंक की मौजूदा साल में अबतक ऋण वृद्धि पांच प्रतिशत रही है। मुख्य रूप से में खुदरा क्षेत्र, कृषि और सूक्ष्म,लघु एवं मध्यम उद्योग ऋण (आरएएम) क्षेत्रों में मांग से बैंक का अग्रिम बढ़ा है।
प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी और सीईओ) एके. दास ने विश्लेषकों को इस Q1 FY23 आय सम्मेलन के बाद इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एडवांस (ऋण) वृद्धि पूरे साल के लिए 10 से 12 प्रतिशत की सीमा में होगा। उन्होंने बताया कि अब तक जून तक हमारे पास लगभग 5 प्रतिशत की (YTD) वृद्धि थी, लेकिन यह ज्यादातर अच्छी RAM वृद्धि के पीछे है। हमारा मानना है कि इस तिमाही से कॉर्पोरेट बुक में कुछ हलचल हो सकती है।
जून 2022 के अंत में बैंक का ग्रास एडवांस (वैश्विक और घरेलू) 4,77,746 करोड़ रुपये था। चालू वित्त वर्ष के जून में समाप्त पहली तिमाही में ऋणदाता ने शुद्ध लाभ में 22 प्रतिशत की गिरावट के साथ 561 करोड़ रुपये दर्ज किया, जो एक साल पहले की तिमाही में 720 करोड़ रुपये था। यह विश्वास जताते हुए कि 2022-23 के लिए लोन वृद्धि लक्ष्य हासिल करना मुश्किल नहीं होगा। दास ने कहा कि बैंक को घरेलू स्तर पर 2.90 प्रतिशत और वैश्विक एनआईएम 2.75 प्रतिशत के शुद्ध ब्याज मार्जिन (एनआईएम) की उम्मीद है। Q1FY23 में बैंक का घरेलू और वैश्विक NIM क्रमशः 2.88 प्रतिशत और 2.55 प्रतिशत था।
दास ने कहा कि दोनों पक्षों में लोन बुक में बहुत अधिक पुनर्मूल्यांकन हो रहा है और यह अच्छा होगा यदि बैंक अपने एनआईएम पर गाइडेंस बनाए रख सके। संपत्ति की गुणवत्ता के मामले में बैंक ने कहा कि उसने हर तिमाही में बैड लोन में 2,500 करोड़ रुपये की कमी का लक्ष्य रखा है। कार्यकारी निदेशक एम कार्तिकेयन ने कहा इसमें से 1,700 करोड़ रुपये अपग्रेडेशन और कैश कलेक्शन से आएंगे और बाकी विभिन्न ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) प्रोग्राम के माध्यम से होंगे, जो कि ऋणदाता ने पहले ही तैयार कर लिया है।