Move to Jagran APP

चीन से होने वाले आयात की गति पर लगी रोक, आत्मनिर्भर भारत अभियान का हो रहा है असर: गोयल

भारत के साथ चीन के तनावपूर्ण रिश्तों का असर दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार पर भी दिखने लगा है। पिछले सात सालों में सिर्फ चीन से होने वाले आयात में ही कमी नहीं आई है बल्कि व्यापार घाटे में भी कमी आने लगी है।

By Amit SinghEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 09:24 PM (IST)Updated: Wed, 05 Jan 2022 07:04 AM (IST)
चीन से होने वाले आयात की गति पर लगी रोक, आत्मनिर्भर भारत अभियान का हो रहा है असर: गोयल
आत्मनिर्भर भारत अभियान का असर देश में दिख रहा है

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली: भारत के साथ चीन के तनावपूर्ण रिश्तों का असर दोनों देशों के बीच होने वाले व्यापार पर भी दिखने लगा है। पिछले सात सालों में सिर्फ चीन से होने वाले आयात में ही कमी नहीं आई है बल्कि व्यापार घाटे में भी कमी आने लगी है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि वर्ष 2021 के जनवरी से नवंबर में आस्ट्रेलिया के साथ भारत के व्यापार में सालाना आधार पर 102 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका के साथ 82 प्रतिशत, बेल्जियम के साथ 70 प्रतिशत, थाईलैंड के साथ 59 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। वहीं चीन के साथ होने वाले कारोबार में इस अवधि में सिर्फ 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई। इतना ही नहीं वर्ष 2021 में जनवरी-नवंबर के बीच भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सालाना आधार पर 50 प्रतिशत का इजाफा रहा।

loksabha election banner

चीन के साथ व्यापार घाटे में 24 गुना बढ़ोतरी

गोयल ने बताया कि धीरे- धीरे चीन के साथ होने वाले आयात में कमी से भारत का व्यापार घाटा भी कम होता जा रहा है। उन्होंने बताया कि यूपीए काल 2003-04 से लेकर 2013-14 के बीच चीन से होने वाले आयात में 1160 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि भाजपा के शासनकाल 2014-15 से 2020-21 के बीच चीन से होने वाले आयात में सिर्फ आठ प्रतिशत का इजाफा हुआ है। गोयल ने बताया कि वर्ष 2004-05 से लेकर वर्ष 2013-14 तक चीन के साथ व्यापार घाटे में 24 गुना बढ़ोतरी हुई। वर्ष 2004-05 में चीन के साथ व्यापार घाटा 1.5 अरब डालर था जो वर्ष 2013-14 में बढ़कर 36 अरब डालर हो गया। वहीं वर्ष 2014-15 में चीन के साथ व्यापार घाटा 48 अरब डालर था जो वर्ष 2020-21 में घटकर 44 अरब डालर का रह गया। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2016 से चीन को होने वाले निर्यात में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इस वजह से भी चीन के साथ व्यापार घाटे में कमी आई है।

आत्मनिर्भर भारत अभियान का हो रहा असर

वर्ष 2016 (जनवरी-दिसंबर) में भारत ने चीन को सिर्फ 8,961.69 अरब डालर का निर्यात किया था जो वर्ष 2021 (जनवरी-दिसंबर) में बढ़कर 19,996.56 अरब डालर हो गया। विदेश व्यापार विशेषज्ञों के मुताबिक आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत उन सभी क्षेत्रों में उत्पादन के प्रयास शुरू हो गए हैं जिन क्षेत्रों में भारत पूरी तरह से आयात पर निर्भर करता था। इस काम में तेजी के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड स्कीम व अन्य प्रोत्साहन स्कीम की शुरुआत की गई। जानकारों का मानना है कि अगले दो-तीन सालों में इन प्रयासों का असर दिखने लगेगा और चीन से आयात में और कमी आएगी।

निर्यात को बढ़ावा देने के लिए शुरू होगा ब्रांड इंडिया अभियान

देश का निर्यात चालू वित्त वर्ष में 400 अरब डालर के पार जाने की उम्मीद है। ऐसे में वाणिज्य मंत्रालय नए बाजारों में सेवाओं तथा उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए ब्रांड इंडिया अभियान शुरू करने की योजना बना रहा है। वाणिज्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि यह अभियान भारत द्वारा निर्यात की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए एक 'समग्र अभियान' के तौर पर काम करेगा। शुरुआती चरण में अभियान का फोकस रत्न और आभूषण, वस्त्र, बागवानी उत्पादों (चाय, काफी, मसाले), शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, फार्मा और इंजीनियरिंग जैसे खास क्षेत्रों पर होगा। बता दें कि हाल ही में वाणिजय और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (आइबीईएफ) के ब्रांड इंडिया अभियान की समीक्षा की है। आइबीईएफ, वाणिज्य विभाग द्वारा स्थापित एक न्यास है, जिसका मुख्य उद्देश्य विदेशी बाजारों में 'मेड इन इंडिया' लेबल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.